Axiom-4 मिशन: अंतरिक्ष यात्रा से पहले शुभांशु शुक्ला की पहली झलक आई सामने, देखें तस्वीर
- June 25, 2025
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भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में है। इस बार देश की उम्मीदें टिकी हैं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर, जो
भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में है। इस बार देश की उम्मीदें टिकी हैं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर, जो
भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में इतिहास रचने की तैयारी में है। इस बार देश की उम्मीदें टिकी हैं भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पर, जो Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत की तकनीकी और वैश्विक सहभागिता की नई पहचान बनकर उभर रहा है। लगभग चार दशकों के बाद भारत एक बार फिर अंतरिक्ष में अपने नागरिक को भेजने जा रहा है, जिससे पूरे देश में उत्साह और गर्व का माहौल है।
Axiom-4 मिशन एक 15-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक मिशन है, जिसे अमेरिकी निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space और SpaceX द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जा रहा है। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी की कक्षा में स्थित अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देना है। इस अभियान में कुल 60 प्रयोग शामिल हैं, जिनमें से 7 प्रयोग भारत द्वारा प्रस्तावित किए गए हैं। ये प्रयोग भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की तकनीकी दक्षता और शोध में गहरी भागीदारी का प्रमाण हैं।
इस तरह का मिशन वैश्विक विज्ञान समुदाय के लिए एक प्रेरणा है और भारत के लिए यह गौरव की बात है कि वह इस मिशन में एक अहम भूमिका निभा रहा है। यह भारत की भविष्य की अंतरिक्ष नीति और वैश्विक विज्ञान में उसकी हिस्सेदारी को और मज़बूत करता है।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी पायलट हैं और Axiom-4 मिशन के सदस्य के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे। वे भारत के दूसरे नागरिक होंगे जो अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। इससे पहले, 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत संघ के इंटरकॉसमॉस मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी।
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन भारत के युवाओं, वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने उड़ान से पहले मीडिया से कहा, “मैं अपने साथ सिर्फ वैज्ञानिक उपकरण नहीं, बल्कि एक अरब दिलों की उम्मीदें और सपने लेकर अंतरिक्ष की ओर जा रहा हूं।” उनका यह कथन बताता है कि यह यात्रा केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे देश की आकांक्षाओं की उड़ान है।
Axiom-4 मिशन के तहत SpaceX का Crew Dragon अंतरिक्ष यान लॉन्च किया जाएगा, जो अमेरिकी कंपनी SpaceX का प्रमुख मानवयुक्त यान है। यह यान Falcon-9 रॉकेट के ज़रिए अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से प्रक्षेपित किया जाएगा।
यह वही ऐतिहासिक स्थल है जहां से 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने अपोलो-11 मिशन के अंतर्गत चंद्रमा के लिए उड़ान भरी थी। इस गौरवशाली स्थान से भारतीय अंतरिक्ष यात्री का प्रक्षेपण होना अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण होगा। लॉन्च की निर्धारित तारीख 25 जून है और यह दोपहर 12:01 बजे (IST) तय की गई है।
इस अंतरराष्ट्रीय मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ तीन और अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे:
पेगी व्हिटसन इस मिशन की सबसे अनुभवी सदस्य हैं, जिन्होंने पहले भी कई अंतरिक्ष मिशनों में हिस्सा लिया है। अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अनुभव की यह टीम Axiom-4 मिशन को और भी प्रभावशाली और सुरक्षित बनाती है।
इस मिशन का लॉन्च पहले पांच बार टालना पड़ा था। कारण थे – मौसम की अनिश्चितता और तकनीकी समस्याएं। अब आखिरकार 25 जून की तारीख को अंतिम रूप दिया गया है, जो इसकी छठी घोषित तारीख है।
मिशन से पहले शुभांशु शुक्ला को एक महीने से अधिक समय तक कड़े क्वारंटीन में रखा गया, ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण उन्हें या मिशन को प्रभावित न कर सके। यह सावधानी अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा और मिशन की सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इस मिशन के माध्यम से भारत ने फिर से यह साबित कर दिया है कि वह अंतरिक्ष विज्ञान और तकनीक में किसी से पीछे नहीं है। Axiom-4 मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग के बिना भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की मौजूदगी दर्ज करवा रहा है।
भारत के प्रस्तावित वैज्ञानिक प्रयोगों में जैव चिकित्सा, माइक्रोग्रैविटी, सामग्री विज्ञान और कृषि तकनीक जैसे विषय शामिल हैं। ये प्रयोग न केवल अंतरिक्ष में बल्कि पृथ्वी पर भी मानव जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो सकते हैं।
Axiom-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। यह मिशन सिर्फ एक अंतरिक्ष यात्रा नहीं है, बल्कि भारत की वैज्ञानिक सोच, तकनीकी दक्षता और वैश्विक भागीदारी का प्रतीक है।
शुभांशु शुक्ला जैसे साहसी और समर्पित व्यक्तित्व के ज़रिए भारत फिर से अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। यह मिशन न केवल आज की पीढ़ी के लिए, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
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Axiom-4 मिशन एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक अंतरिक्ष मिशन है, जिसे अमेरिकी निजी कंपनी Axiom Space और SpaceX मिलकर संचालित कर रहे हैं। इसमें अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाकर वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे।
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस मिशन का हिस्सा हैं। इसके अलावा मिशन में किए जाने वाले कुल 60 वैज्ञानिक प्रयोगों में से 7 भारत द्वारा प्रस्तावित हैं, जो भारत की वैज्ञानिक हिस्सेदारी को दर्शाता है।
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के एक अनुभवी ग्रुप कैप्टन और पायलट हैं। वे Axiom-4 मिशन के जरिए अंतरिक्ष जाने वाले भारत के दूसरे नागरिक हैं। पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा थे, जिन्होंने 1984 में सोवियत मिशन में हिस्सा लिया था।
मिशन की लॉन्चिंग अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर, लॉन्च पैड 39A से होगी। यही वह ऐतिहासिक स्थल है जहां से नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने चंद्रमा के लिए अपोलो-11 मिशन के तहत उड़ान भरी थी।
लॉन्च की अंतिम और पुष्टि की गई तारीख 25 जून है। भारतीय समयानुसार यह लॉन्च दोपहर 12:01 बजे किया जाएगा।