आमिर खान फिर हुए डीपफेक का शिकार, जानें ऐसा करने पर कितनी मिलती है सजा
- May 2, 2025
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बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान इन दिनों किसी फिल्म में नज़र नहीं आ रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान इन दिनों किसी फिल्म में नज़र नहीं आ रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा
बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान इन दिनों किसी फिल्म में नज़र नहीं आ रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में आमिर खान सिख किरदार में दिखाई दे रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि वह गुरु नानक देव जी की बायोपिक में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।
हालांकि, ये पूरी तरह फर्जी और भ्रामक जानकारी है। आमिर खान की टीम की ओर से इस पर आधिकारिक बयान जारी कर यह साफ़ कर दिया गया है कि वायरल हो रहा वीडियो डीपफेक है।
इस घटना ने फिर एक बार यह सवाल खड़ा कर दिया है कि डीपफेक टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कितना खतरनाक हो सकता है और इसके लिए कानून में क्या सज़ा दी गई है।
डीपफेक एक प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक है, जिससे किसी व्यक्ति की आवाज़, चेहरा या हावभाव को हूबहू नकल कर फर्जी वीडियो तैयार किया जा सकता है। यह वीडियो दिखने में इतना असली लगता है कि आम आदमी के लिए इसे पहचान पाना मुश्किल हो जाता है।
इस तकनीक का इस्तेमाल अगर सकारात्मक उद्देश्यों के लिए किया जाए तो यह फायदेमंद हो सकती है, लेकिन फेक न्यूज़, राजनीतिक दुष्प्रचार, और सेलिब्रिटी चरित्र हनन जैसे मामलों में इसका गलत उपयोग तेजी से बढ़ा है।
भारत में डीपफेक बनाना और उसे फैलाना कानूनन अपराध माना गया है। इसके खिलाफ कई धाराओं में सज़ा का प्रावधान है:
अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य की पहचान का दुरुपयोग करते हुए फर्जी वीडियो या जानकारी तैयार करता है, तो उसे 3 साल तक की सज़ा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
यदि कोई किसी की निजी तस्वीर या वीडियो को बिना अनुमति सार्वजनिक करता है, तो इसके लिए 3 साल की कैद और 2 लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है।
इस धारा के अंतर्गत किसी भी तरह की फर्जी डिजिटल गतिविधि से व्यक्ति या समाज को नुकसान पहुँचाने पर 2 साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
अगर अपराध गंभीर श्रेणी में आता है और उससे किसी व्यक्ति की छवि को गहरी क्षति पहुँचती है, तो अपराधी को 7 साल तक की सज़ा दी जा सकती है।
आमिर खान की टीम ने साफ तौर पर कहा है कि वायरल हो रहा वीडियो पूरी तरह नकली है और आमिर खान का इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने अपने फैंस और आम जनता से अपील की है कि ऐसे वीडियो पर भरोसा न करें और जिम्मेदारी से सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें।
यदि आपको किसी व्यक्ति या सेलिब्रिटी का संदिग्ध या भ्रामक वीडियो दिखे:
डीपफेक टेक्नोलॉजी जहां एक ओर तकनीकी प्रगति का उदाहरण है, वहीं इसका दुरुपयोग बहुत ही खतरनाक और गैरकानूनी है। आमिर खान के हालिया मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा और डिजिटल साक्षरता कितनी ज़रूरी है। सरकार ने इसके खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं और अब वक्त है कि जनता भी सतर्क हो जाए।
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