Health & Fitness

Chikungunya का बढ़ता खतरा: WHO की चेतावनी और बचाव के उपाय

  • July 24, 2025
  • 0

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में चिकनगुनिया को लेकर वैश्विक अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी तेजी से कई देशों में फैल रही है और भारत

Chikungunya का बढ़ता खतरा: WHO की चेतावनी और बचाव के उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में चिकनगुनिया को लेकर वैश्विक अलर्ट जारी किया है। यह बीमारी तेजी से कई देशों में फैल रही है और भारत भी इससे अछूता नहीं है। एडीज मच्छर के काटने से फैलने वाला यह वायरस गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है, विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए।

क्या है चिकनगुनिया?

चिकनगुनिया एक वायरल संक्रमण है जो एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन के समय अधिक सक्रिय होते हैं और डेंगू तथा जीका वायरस भी फैलाते हैं। चिकनगुनिया का वायरस शरीर में प्रवेश कर खून में तेजी से फैलता है, जिससे मरीज को बुखार, जोड़ों में तीव्र दर्द, थकान और अन्य लक्षण होते हैं। बारिश के मौसम में या जहां पानी जमा होता है, वहां यह बीमारी तेजी से फैलती है।

Chikungunya

WHO की चेतावनी क्यों महत्वपूर्ण है?

WHO ने कहा है कि दुनिया के कई हिस्सों में चिकनगुनिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट बन सकता है। बीमारी की गंभीरता इस बात से समझी जा सकती है कि एक बार संक्रमित होने के बाद मरीज को पूरी तरह ठीक होने में महीनों लग सकते हैं। यह वायरस शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है और नसों तथा अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है।

चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण

दिल्ली MCD के डॉ. अजय कुमार के अनुसार, चिकनगुनिया के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 4-7 दिन बाद दिखाई देते हैं। इसके सामान्य लक्षण हैं:

  • तेज बुखार (103°F से ऊपर)
  • जोड़ों में असहनीय दर्द (विशेष रूप से घुटने, कलाई और टखने में)
  • मांसपेशियों में दर्द
  • सिरदर्द
  • थकान
  • त्वचा पर लाल चकत्ते
  • मतली और उल्टी
  • आंखों में जलन

कुछ गंभीर मामलों में मरीज के हाथ-पैरों में सूजन, अकड़न और नर्वस सिस्टम पर असर देखा गया है। मरीज महीनों तक कमजोरी महसूस कर सकता है, और अगर समय पर इलाज न हो तो स्थिति बिगड़ सकती है।

संक्रमण के कारण और फैलने का तरीका

चिकनगुनिया वायरस तब फैलता है जब मच्छर पहले किसी संक्रमित व्यक्ति को काटता है और फिर उसी मच्छर द्वारा किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटने पर वायरस उसके शरीर में प्रवेश करता है। निम्न कारण इसके संक्रमण को बढ़ावा देते हैं:

  • ठहरा हुआ पानी (कूलर, गमले, बाल्टी आदि में)
  • अस्वच्छ वातावरण
  • दिन में बिना सुरक्षा के रहना
  • वीक इम्यूनिटी

चिकनगुनिया से कैसे करें बचाव?

चिकनगुनिया से बचने के लिए सबसे जरूरी है मच्छरों से बचाव और स्वच्छता बनाए रखना। नीचे कुछ आसान उपाय दिए गए हैं:

  1. पानी जमा न होने दें: घर के आस-पास या गमलों में जमा पानी को रोज साफ करें।
  2. मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग करें: मच्छरदानी, रिपेलेंट क्रीम, कॉइल, और लिक्विड वपेरेटर का उपयोग करें।
  3. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें: विशेषकर दिन में हल्के फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें।
  4. दरवाजों और खिड़कियों पर नेट लगाएं: ताकि मच्छर अंदर न आ सकें।
  5. लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: स्वयं दवा लेने से बचें और सही निदान कराएं।

क्या चिकनगुनिया का इलाज संभव है?

Chikungunya का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को दवाओं और आराम के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है। डॉक्टर पेरासिटामोल या दर्द निवारक दवाएं देते हैं। मरीज को अधिक से अधिक आराम, पानी पीना और संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है।

निष्कर्ष:

चिकनगुनिया एक गंभीर वायरल बीमारी है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। WHO की चेतावनी से यह स्पष्ट है कि हमें समय रहते सतर्क रहने और मच्छरों से बचाव के सभी उपाय अपनाने की जरूरत है। साफ-सफाई, सही कपड़े पहनना और शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना इस बीमारी से बचाव के सबसे बड़े उपाय हैं।

FAQs

Q1. चिकनगुनिया और डेंगू में क्या अंतर है?

उत्तर: चिकनगुनिया में मुख्य रूप से जोड़ों में असहनीय दर्द होता है जबकि डेंगू में प्लेटलेट्स गिरने का खतरा अधिक होता है।

Q2. क्या चिकनगुनिया जानलेवा है?

उत्तर: यह आमतौर पर जानलेवा नहीं होता लेकिन कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है।

Q3. क्या चिकनगुनिया एक बार होने के बाद दोबारा हो सकता है?

उत्तर: एक बार संक्रमित होने के बाद शरीर में इस वायरस के प्रति इम्युनिटी बन जाती है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में दोबारा भी हो सकता है।

Q4. क्या बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अधिक खतरा है?

उत्तर: हां, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।

Q5. चिकनगुनिया के लिए कौन-सी जांच करानी चाहिए?

उत्तर: चिकनगुनिया की पुष्टि के लिए ब्लड टेस्ट (RT-PCR, ELISA) कराए जाते हैं। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *