सरकार का वोडाफोन-आइडिया पर प्लान साफ, नहीं बनेगी PSU: सिंधिया का बड़ा बयान
July 2, 2025
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टेलीकॉम सेक्टर में लंबे समय से चल रही अनिश्चितता और अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वोडाफोन आइडिया (Vi) को लेकर बड़ा बयान
टेलीकॉम सेक्टर में लंबे समय से चल रही अनिश्चितता और अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वोडाफोन आइडिया (Vi) को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकार का इरादा Vi को सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (PSU) बनाने का नहीं है, चाहे कंपनी हिस्सेदारी में बदलाव के विकल्प तलाश रही हो।
सरकार की हिस्सेदारी 49% से अधिक नहीं होगी
2 जुलाई को CNBC-TV18 को दिए गए इंटरव्यू में सिंधिया ने साफ किया कि सरकार वोडाफोन आइडिया में 49% से अधिक इक्विटी नहीं ले सकती। उन्होंने कहा, “हमारा इरादा Vi को PSU बनाने का नहीं है।”
वोडाफोन आइडिया की हालत बीते कुछ वर्षों से लगातार खराब रही है, और कंपनी भारी कर्ज में डूबी हुई है। ऐसे में इक्विटी कन्वर्जन यानी सरकार के बकाया राशि के बदले में हिस्सेदारी लेने का प्रस्ताव सामने आया है। लेकिन सिंधिया ने कहा कि यह प्रक्रिया टेलीकॉम विभाग (DoT) और वित्त मंत्रालय की ड्यू डिलिजेंस के बाद ही पूरी होगी।
सभी ऑपरेटर्स को है इक्विटी कन्वर्जन का अधिकार
सिंधिया ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ Vi ही नहीं, बल्कि हर टेलीकॉम ऑपरेटर को यह अधिकार है कि वह सरकार से बकाया रकम के बदले हिस्सेदारी में बदलाव की मांग कर सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि भारती एयरटेल ने भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई थी।
“हर ऑपरेटर को इक्विटी कन्वर्जन की मांग करने का हक है, लेकिन DOT की जांच के बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाएगा,” सिंधिया ने कहा।
दो कंपनियों का वर्चस्व नहीं है सही
देश के टेलीकॉम सेक्टर में वर्तमान में रिलायंस जियो और भारती एयरटेल का दबदबा है, जबकि Vi की हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है। इस पर भी सिंधिया ने चिंता जाहिर की और कहा कि किसी भी सेक्टर में सिर्फ दो कंपनियों का वर्चस्व स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए सही नहीं है।
उन्होंने कहा, “बहुत कम देशों में मोबाइल टेलीकॉम सेक्टर में सिर्फ दो कंपनियां होती हैं। भारत में प्रतिस्पर्धा बनी रहनी चाहिए, और इसके लिए Vi का अस्तित्व जरूरी है।”
पूंजी खर्च और रिटर्न पर भारत का दबदबा
सिंधिया ने यह भी बताया कि भारत की टेलीकॉम कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में पूंजी खर्च के मामले में वैश्विक स्तर पर मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि भारत में टेलीकॉम सेक्टर में निवेश करने पर अपेक्षाकृत बेहतरीन रिटर्न मिल रहा है।
“अब यह कंपनियों और उनके प्रबंधन पर निर्भर करता है कि वे लाभ कमाने के लिए कौन-सा रास्ता अपनाते हैं,” सिंधिया ने कहा।
सैटकॉम और स्पेक्ट्रम कीमत को लेकर भी सरकार का रुख स्पष्ट
सैटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) की भूमिका आने वाले समय में टेलीकॉम सेवाओं को और भी व्यापक बनाने में महत्वपूर्ण होगी। स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण को लेकर उठे सवालों पर सिंधिया ने कहा कि TRAI ने सभी पक्षों से बातचीत के बाद ही अपनी सिफारिशें दी हैं।
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि Satcom एक साझा स्पेक्ट्रम है, और इसे निजी स्पेक्ट्रम की तरह कीमत नहीं दी जा सकती। “TRAI की सिफारिशों को मंजूरी देने की प्रक्रिया में कुछ महीने लग सकते हैं, लेकिन सभी पक्षों की बातें सुनी गई हैं,” उन्होंने जोड़ा।
निष्कर्ष
वोडाफोन आइडिया की वर्तमान स्थिति और सरकार के रुख को देखते हुए यह साफ है कि केंद्र सरकार कंपनी को जिंदा रखने के पक्ष में है, लेकिन इसे PSU में बदलने की कोई योजना नहीं है। साथ ही, टेलीकॉम सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने की जरूरत को सरकार गंभीरता से ले रही है। Satcom को लेकर भी सरकार संतुलित दृष्टिकोण अपना रही है, जिससे भविष्य की डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर दिशा मिल सके।