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गर्मियों में ज्यादा पानी पीना हो सकता है खतरनाक: जानिए वाटर इंटॉक्सिकेशन के लक्षण और बचाव के तरीके

  • June 16, 2025
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गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। पसीना निकलने और शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए लोग अक्सर ज्यादा मात्रा में पानी

गर्मियों में ज्यादा पानी पीना हो सकता है खतरनाक: जानिए वाटर इंटॉक्सिकेशन के लक्षण और बचाव के तरीके

गर्मी के मौसम में शरीर में पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। पसीना निकलने और शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए लोग अक्सर ज्यादा मात्रा में पानी पी लेते हैं। हालांकि, अत्यधिक पानी पीना भी स्वास्थ्य के लिए उतना ही खतरनाक हो सकता है जितना पानी की कमी। बहुत ज्यादा पानी पीने से वॉटर इंटॉक्सिकेशन (Water Intoxication) जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें शरीर में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाता है और यह जानलेवा भी हो सकता है।

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इस लेख में हम जानेंगे कि कितनी मात्रा में पानी पीना चाहिए, वॉटर इंटॉक्सिकेशन के लक्षण क्या हैं और कैसे इससे बचा जा सकता है।

वॉटर इंटॉक्सिकेशन क्या है?

वॉटर इंटॉक्सिकेशन तब होता है जब शरीर में पानी की मात्रा बहुत अधिक हो जाती है और इससे खून में सोडियम का स्तर खतरनाक रूप से घट जाता है। यह स्थिति हाइपोनेट्रेमिया कहलाती है। जब सोडियम की कमी होती है, तो शरीर की कोशिकाओं में पानी भर जाता है, जिससे सूजन आने लगती है और यह दिमाग पर सबसे ज्यादा असर डालता है।

ज्यादा पानी पीने से शरीर पर क्या असर होता है?

गर्मियों में बहुत से लोग प्यास लगने पर एक साथ काफी मात्रा में पानी पी लेते हैं। इससे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ जाता है और कुछ मामलों में निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं:

  • लगातार सिरदर्द
  • मतली या उल्टी
  • भ्रम या चक्कर
  • मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
  • दौरे पड़ना
  • बेहोशी या कोमा

ये लक्षण वॉटर इंटॉक्सिकेशन के संकेत हो सकते हैं और इनसे बचने के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है।

गर्मियों में कितना पानी पीना चाहिए?

सीनियर पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. आर. के. गुप्ता के अनुसार, गर्मी में एक बार में ज्यादा पानी पीने के बजाय पूरे दिन में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। सामान्यत: एक वयस्क को दिनभर में 2 से 3 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। हालांकि, यह मात्रा व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य, शारीरिक गतिविधि और मौसम के अनुसार बदल सकती है।

सुझाव:

  • प्यास लगने पर ही पानी पीना चाहिए।
  • एक बार में पूरा गिलास पानी पीने की बजाय आधा गिलास पानी पीते रहें।
  • ओआरएस, शिकंजी, नींबू पानी, नारियल पानी जैसे घरेलू ड्रिंक का भी सेवन करें।
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कैसे पहचानें कि आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं?

यदि आपको बार-बार पेशाब आ रहा है, शरीर में सूजन है, सिरदर्द बना रहता है और कमजोरी महसूस हो रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि आप जरूरत से ज्यादा पानी पी रहे हैं। विशेषकर जब आप बिना प्यास के भी पानी पीते हैं और लगातार ऐसा कर रहे हैं तो यह खतरे की घंटी हो सकती है।

वॉटर इंटॉक्सिकेशन से बचाव के उपाय

  1. प्यास लगे तभी पानी पिएं।
  2. पूरे दिन में पानी की मात्रा नियंत्रित रखें।
  3. एक बार में बहुत अधिक पानी न पिएं।
  4. घरेलू इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक का सेवन करें।
  5. यदि कमजोरी, उल्टी, भ्रम या चक्कर महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

निष्कर्ष

गर्मी में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी नुकसानदायक हो सकता है। शरीर की आवश्यकताओं को समझते हुए, संतुलित रूप से पानी और इलेक्ट्रोलाइट का सेवन करें। यदि कोई असामान्य लक्षण दिखाई दे तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें। सावधानी ही सुरक्षा है।

Frequently Asked Questions

Q1: वॉटर इंटॉक्सिकेशन क्या होता है?

A: यह स्थिति तब होती है जब शरीर में बहुत ज्यादा पानी जमा हो जाता है और सोडियम का स्तर गिर जाता है, जिससे मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है।

Q2: गर्मी में कितना पानी पीना चाहिए?

A: सामान्यतः वयस्क को दिनभर में 2-3 लीटर पानी पीना चाहिए। यह मात्रा शारीरिक गतिविधि और मौसम पर निर्भर करती है।

Q3: क्या एक साथ बहुत सारा पानी पीना खतरनाक है?

A: हां, एक बार में अधिक मात्रा में पानी पीने से पाचन गड़बड़ हो सकता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की समस्या हो सकती है।

Q4: वॉटर इंटॉक्सिकेशन के लक्षण क्या हैं?

A: सिरदर्द, उल्टी, भ्रम, मांसपेशियों में कमजोरी, दौरे, और गंभीर स्थिति में कोमा तक हो सकता है।

Q5: वॉटर इंटॉक्सिकेशन से कैसे बचा जा सकता है?

A: प्यास लगने पर ही पानी पिएं, ओआरएस या नींबू पानी का उपयोग करें और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में पानी लें।


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