5G से AI मिशन तक: मोदी सरकार के 11 वर्षों में भारत की डिजिटल क्रांति की कहानी
- June 12, 2025
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2014 से 2025 तक, मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। डिजिटल इंडिया मिशन की नींव से लेकर 5G नेटवर्क
2014 से 2025 तक, मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। डिजिटल इंडिया मिशन की नींव से लेकर 5G नेटवर्क
2014 से 2025 तक, मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत ने टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की है। डिजिटल इंडिया मिशन की नींव से लेकर 5G नेटवर्क और एआई मिशन तक, देश ने एक लंबी यात्रा तय की है जिसने न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण भारत को भी डिजिटल रूप से सशक्त बनाया है।
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद ग्रामीण और शहरी इलाकों में टेलीफोन कनेक्टिविटी में भारी इजाफा हुआ। मार्च 2014 में जहां कुल टेलीफोन कनेक्शन 93.3 करोड़ थे, वहीं अप्रैल 2025 तक यह संख्या 120 करोड़ से अधिक हो गई है।
यह दर्शाता है कि सरकार ने दूरदराज़ क्षेत्रों तक भी नेटवर्क पहुंचाने के लिए गंभीर प्रयास किए।
भारत में इंटरनेट क्रांति के कारण डिजिटल सेवाएं आम आदमी तक पहुंची हैं। मार्च 2014 में केवल 25.15 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, जो जून 2024 तक 96.96 करोड़ हो गए — यानी 285.53% की वृद्धि।
साथ ही, डेटा की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। 2014 में 1GB डेटा के लिए ₹308 चुकाने पड़ते थे, लेकिन 2022 तक यह घटकर ₹9.34 रह गया। इससे डिजिटल सेवाओं की पहुंच हर वर्ग तक संभव हुई।
2016 के बाद से 4G नेटवर्क का तेजी से विस्तार हुआ। दिसंबर 2024 तक 6,44,131 गांवों में से 6,15,836 गांवों में 4G मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध हो चुकी थी।
BharatNet परियोजना के तहत 2.18 लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट सेवा पहुंचाई गई। 6.92 लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाए गए, जिससे गांवों में ऑनलाइन शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और डिजिटल लेनदेन संभव हुए।
अक्टूबर 2022 में 5G सेवा की शुरुआत ने भारत की डिजिटल क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 22 महीनों में देशभर में 4.74 लाख 5G BTS (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) स्थापित किए गए और आज 99.6% जिलों में 5G सेवाएं उपलब्ध हैं।
2015 में लॉन्च किया गया डिजिलॉकर आज देश के करोड़ों नागरिकों के लिए एक डिजिटल दस्तावेज़ संग्रह बन गया है। 2024 में इसके यूजर साइनअप की संख्या 2031.99 लाख तक पहुंच गई, जो डिजिटल ट्रस्ट और उपयोगिता को दर्शाता है।
7 मार्च 2024 को इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी गई। इस मिशन के अंतर्गत देश की कंप्यूट शक्ति मई 2025 तक 34,000 GPU तक पहुंच गई है, जो एआई आधारित अनुसंधान और नवाचार के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
2030 तक भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, कुल अर्थव्यवस्था का 20% हिस्सा बनने की ओर अग्रसर है। डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएं, स्टार्टअप्स और एआई इनोवेशन मिलकर भारत को एक टेक्नोलॉजी-ड्रिवन राष्ट्र बना रहे हैं।
Ans: इंटरनेट कनेक्शन 2014 में 25.15 करोड़ से बढ़कर 2024 में 96.96 करोड़ हो गए हैं, जिससे डिजिटल सेवाएं देशभर में पहुंची हैं।
Ans: 5G सेवा के लॉन्च से 99.6% जिलों में हाई-स्पीड नेटवर्क उपलब्ध हुआ, जिससे टेक्नोलॉजी, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों में क्रांति आई।
Ans: डिजिलॉकर 2015 में लॉन्च हुआ था ताकि लोग अपने जरूरी दस्तावेज़ों को डिजिटल रूप से सुरक्षित और सुलभ रख सकें।
Ans: इंडिया एआई मिशन भारत को एआई टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाने के लिए शुरू किया गया है, जिसमें कंप्यूट शक्ति 34,000 GPU तक पहुंच गई है।
Ans: इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना है। अब तक 2.18 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को इंटरनेट से जोड़ा जा चुका है।