डस्टिंग चैलेंज बना जानलेवा: सोशल मीडिया पर फेमस होने की चाहत में गई 19 साल की रेना ओ’रूर्क की जान
- June 11, 2025
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आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक जुनून बन चुका है। युवा वर्ग खासकर फेमस होने की चाह में किसी भी हद तक
आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक जुनून बन चुका है। युवा वर्ग खासकर फेमस होने की चाह में किसी भी हद तक
आज के दौर में सोशल मीडिया सिर्फ एक प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक जुनून बन चुका है। युवा वर्ग खासकर फेमस होने की चाह में किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं। अमेरिका के एरिजोना से सामने आया ताजा मामला इस बात का जीता-जागता उदाहरण है, जहां 19 वर्षीय रेना ओ’रूर्क की जान सिर्फ इसलिए चली गई क्योंकि वो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक ट्रेंड – “डस्टिंग चैलेंज“ को पूरा करना चाहती थी।
डस्टिंग चैलेंज एक बेहद खतरनाक सोशल मीडिया ट्रेंड है, जिसमें युवाओं को डस्टिंग प्रोडक्ट जैसे कि कीबोर्ड क्लीनर की गैस को सूंघने की चुनौती दी जाती है। इस गैस में आमतौर पर हानिकारक रसायन होते हैं जैसे डिफ्लूएथेन, जो कुछ सेकंड के लिए नशा या खुशी जैसा अनुभव देते हैं। लेकिन इसका असर शरीर के लिए बेहद घातक होता है।
रेना ओ’रूर्क ने भी यही चैलेंज लिया। उसने कीबोर्ड क्लीनर का इस्तेमाल किया और उसकी गैस को सूंघा। कुछ ही देर में उसकी हालत बिगड़ने लगी और उसे कार्डियक अरेस्ट आ गया। जब तक उसे अस्पताल पहुंचाया गया, तब तक उसके शरीर में ऑक्सीजन की भारी कमी हो चुकी थी। सात दिन तक ICU में रहने के बाद डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
रेना की फैमिली का कहना है कि वह सोशल मीडिया पर फेमस होना चाहती थी। वह अक्सर वीडियो बनाकर पोस्ट किया करती थी और अपने पिता से कहती थी कि “एक दिन मैं बहुत फेमस हो जाऊंगी।” इसी चाह में उसने ये चैलेंज किया, जो उसकी जिंदगी का आखिरी फैसला बन गया।
रेना का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह के ट्रेंड्स बेहद खतरनाक हैं। कीबोर्ड क्लीनर जैसी गैस को सूंघने से शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है। कुछ देर के लिए कृत्रिम आनंद मिलता है, लेकिन इसके तुरंत बाद ब्रेन, हार्ट और लिवर पर गंभीर असर पड़ता है। गैस का सीधा असर मस्तिष्क की कोशिकाओं पर होता है, जिससे व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत हो सकती है।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर वायरल ट्रेंड्स की सुरक्षा और युवाओं की मानसिकता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। क्या फेमस होने की चाह इतनी बड़ी हो सकती है कि एक इंसान अपनी जान तक दांव पर लगा दे? आज का युवा वर्ग, जो सोशल मीडिया को पहचान का जरिया मान बैठा है, अक्सर असली और नकली के फर्क को नहीं समझ पाता।
इस तरह की घटनाएं समाज और खासकर माता-पिता के लिए एक चेतावनी हैं। बच्चों को सोशल मीडिया का उपयोग करने से पहले उसकी जिम्मेदारी और खतरे समझाना बेहद जरूरी है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों से संवाद करें, उनके व्यवहार को समझें और ट्रेंड्स के पीछे के प्रभावों पर उन्हें जागरूक करें।
डस्टिंग चैलेंज एक खतरनाक सोशल मीडिया ट्रेंड है जिसमें कीबोर्ड क्लीनर जैसी गैस को सूंघकर नशे जैसा अनुभव लेने की कोशिश की जाती है।
इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी, कार्डियक अरेस्ट, ब्रेन डैमेज और मौत तक हो सकती है। गैस सीधे दिमाग और दिल पर असर डालती है।
रेना ने कीबोर्ड क्लीनर की गैस सूंघी, जिससे उसे कार्डियक अरेस्ट आया और सात दिन ICU में रहने के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।
नहीं, लेकिन कई ट्रेंड्स बिना जांचे-परखे खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए युवाओं को सावधानी से चुनना चाहिए कि क्या करना है और क्या नहीं।
अभिभावकों को बच्चों से संवाद बनाए रखना चाहिए, स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी ऐसे कंटेंट की निगरानी करनी चाहिए।