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लिवर कैंसर के साथ दीपिका कक्कड़ को हुईं ये गंभीर बीमारियां, जानिए कैसे होता है एक साथ इलाज?

  • May 28, 2025
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टीवी जगत की मशहूर अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ के चाहने वालों के लिए हाल ही में एक दुखद खबर सामने आई है। दीपिका न केवल स्टेज 2 लिवर कैंसर

लिवर कैंसर के साथ दीपिका कक्कड़ को हुईं ये गंभीर बीमारियां, जानिए कैसे होता है एक साथ इलाज?

टीवी जगत की मशहूर अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ के चाहने वालों के लिए हाल ही में एक दुखद खबर सामने आई है। दीपिका न केवल स्टेज 2 लिवर कैंसर से जूझ रही हैं, बल्कि साथ ही उन्हें गॉल ब्लैडर में पथरी (Gallstones) और तेज बुखार की भी समस्या है। ये तीनों ही बीमारियां अपने आप में गंभीर हैं, लेकिन जब एक साथ किसी मरीज पर असर डालती हैं तो स्थिति और ज्यादा चिंताजनक हो जाती है। दीपिका ने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह जानकारी साझा की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके लिवर में टेनिस बॉल के आकार का ट्यूमर पाया गया है, जिसे डॉक्टर्स ने स्टेज 2 लिवर कैंसर करार दिया है।

उनके पति शोएब इब्राहिम ने भी इंस्टाग्राम पर बताया कि दीपिका को गॉल ब्लैडर में पथरी के चलते तेज पेट दर्द और 103.9°F तक बुखार हुआ, जिसके कारण डॉक्टर्स को उनकी सर्जरी फिलहाल टालनी पड़ी। ऐसे में सवाल उठता है कि ये बीमारियां एक साथ कितनी खतरनाक हो सकती हैं और इनका इलाज किस तरह संभव है?

स्टेज 2 लिवर कैंसर कितना गंभीर?

लिवर कैंसर, खासकर हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC), लिवर का सबसे आम कैंसर प्रकार होता है। जब यह बीमारी स्टेज 2 में होती है, तो इसका मतलब है कि ट्यूमर अभी लिवर तक ही सीमित है लेकिन उसकी रक्त धमनियों में फैलने की क्षमता बढ़ चुकी है। इस स्टेज में आमतौर पर एक बड़ा ट्यूमर या दो से तीन छोटे ट्यूमर पाए जाते हैं।

अगर लिवर पहले से किसी बीमारी जैसे हेपेटाइटिस बी, सी या सिरोसिस से प्रभावित है तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। दीपिका की बात करें तो उन्होंने बताया कि उन्हें लगातार पेट में दर्द होता था जिसे शुरू में एसिडिटी या गैस की समस्या समझा गया, लेकिन बाद में जांच से पता चला कि यह ट्यूमर की वजह से हो रहा है।

स्टेज 2 लिवर कैंसर में लक्षण कुछ इस तरह हो सकते हैं:

  • लगातार पेट दर्द (खासकर दाहिनी ओर)
  • भूख में कमी
  • अचानक वजन घटना
  • थकान और कमजोरी
  • शरीर या आंखों में पीलापन (जॉन्डिस)
  • उल्टी या मिचली महसूस होना

इस स्टेज पर यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है, हालांकि इलाज की सफलता मरीज की उम्र, लिवर की कार्यक्षमता और ट्यूमर के आकार पर निर्भर करती है।

गॉल ब्लैडर में पथरी कितनी खतरनाक?

गॉल ब्लैडर (पित्ताशय) में पथरी तब बनती है जब पित्त में मौजूद कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य तत्व जमा होकर कठोर हो जाते हैं। ये पथरियां छोटी-छोटी भी हो सकती हैं और कभी-कभी काफी बड़ी भी। गॉल स्टोन से मरीज को पेट में तेज दर्द, मिचली, उल्टी और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दीपिका को भी गॉल स्टोन के कारण गंभीर पेट दर्द हुआ था।

गॉल ब्लैडर स्टोन से जुड़े खतरे:

  • यदि पथरी गॉल ब्लैडर से निकलकर बाइल डक्ट (पित्त नली) में फंस जाती है, तो यह पित्त का प्रवाह रोक सकती है।
  • इससे जॉन्डिस, कोलेसिस्टाइटिस (गॉल ब्लैडर की सूजन), पैनक्रियाटाइटिस (अग्न्याशय की सूजन) जैसी जटिल स्थितियां पैदा हो सकती हैं।
  • लंबे समय तक गॉल स्टोन बने रहने से गॉल ब्लैडर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है, हालांकि यह बहुत ही रेयर केस होता है।

डॉक्टर्स अक्सर पथरी की स्थिति देखकर या तो लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं या जरूरत पड़ने पर गॉल ब्लैडर को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।

तेज बुखार का असर कितना गंभीर?

दीपिका को 103.9°F तक का तेज बुखार हो गया था, जिस कारण उनकी सर्जरी को टालना पड़ा। तेज बुखार अपने आप में एक लक्षण हो सकता है जो किसी बड़े इंफेक्शन या सूजन की ओर इशारा करता है। लिवर ट्यूमर या गॉल ब्लैडर की पथरी से होने वाली सूजन के कारण भी शरीर में इंफेक्शन बढ़ सकता है, जिससे बुखार हो सकता है।

तेज बुखार के खतरे:

  • शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है।
  • शरीर के अन्य अंगों पर प्रभाव पड़ता है।
  • यदि लंबे समय तक बुखार बना रहे तो इलाज की प्रक्रिया (जैसे सर्जरी) को टालना पड़ सकता है।
  • कैंसर मरीजों में बुखार शरीर में कैंसर की प्रतिक्रिया या कैंसर संबंधी संक्रमण के कारण हो सकता है।

दीपिका के केस में भी यह बुखार इलाज में एक रुकावट बन गया है।

एक साथ तीनों बीमारियां होना कितना खतरनाक?

लिवर कैंसर, गॉल ब्लैडर स्टोन और बुखार का एक साथ होना किसी भी मरीज के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यह एक सामान्य स्थिति नहीं है, लेकिन कुछ मामलों में इन बीमारियों के बीच परोक्ष संबंध हो सकता है:

  • हेपेटाइटिस, सिरोसिस, और अनहेल्दी डाइट—इन सबके कारण लिवर पर असर पड़ सकता है और इससे दोनों स्थितियां यानी कैंसर और पथरी एक साथ विकसित हो सकती हैं।
  • जब शरीर कैंसर से जूझ रहा होता है, तो उसकी इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है—इसका असर बुखार के रूप में सामने आता है।
  • पथरी से हुए संक्रमण से बुखार बढ़ता है, और लिवर पर दबाव बढ़ता है, जिससे कैंसर की स्थिति और बिगड़ सकती है।

इसलिए तीनों समस्याओं का एक साथ होना इलाज को भी जटिल बना देता है।

इलाज कैसे किया जाता है?

1. लिवर कैंसर का इलाज:

  • सर्जरी (Hepatectomy): अगर ट्यूमर छोटा है और लिवर सही से काम कर रहा है तो ट्यूमर को सर्जरी से हटा दिया जाता है।
  • लिवर ट्रांसप्लांट: अगर ट्यूमर बड़ा है या लिवर क्षतिग्रस्त है तो लिवर प्रत्यारोपण सबसे अच्छा विकल्प होता है।
  • रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (RFA): इसमें हाई-फ्रीक्वेंसी रेडियो वेव्स से छोटे ट्यूमर को जला दिया जाता है।
  • किमोथेरेपी, टारगेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी भी आधुनिक विकल्प हैं जो कुछ मामलों में इस्तेमाल किए जाते हैं।

2. गॉल ब्लैडर स्टोन का इलाज:

  • कोलेसिस्टेक्टॉमी: गॉल ब्लैडर को सर्जरी से निकाल दिया जाता है। यह सामान्यत: लैप्रोस्कोपिक सर्जरी से किया जाता है।
  • एंटीबायोटिक्स: अगर पथरी के कारण इंफेक्शन हो गया है तो पहले बुखार और संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए दवाएं दी जाती हैं।

3. बुखार का इलाज:

  • बुखार को कम करने के लिए पहले संक्रमण का कारण पता लगाकर एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं।
  • जरूरत पड़ने पर शरीर का तापमान नियंत्रित करने के लिए फ्लूइड थेरेपी या पैरासिटामोल दी जाती है।

दीपिका के केस में, पहले बुखार को कंट्रोल करना जरूरी है, ताकि सर्जरी और अन्य इलाज आगे बढ़ सके। कुछ मामलों में डॉक्टर लिवर ट्यूमर और गॉल ब्लैडर की सर्जरी एक साथ भी कर सकते हैं, लेकिन यह मरीज की हालत पर निर्भर करता है।

निष्कर्ष

दीपिका कक्कड़ की यह स्वास्थ्य स्थिति उनके फैन्स और टेलीविजन इंडस्ट्री के लिए चिंताजनक है। लेकिन अच्छी बात यह है कि स्टेज 2 लिवर कैंसर, गॉल ब्लैडर स्टोन और तेज बुखार का इलाज संभव है, बशर्ते समय पर सही इलाज शुरू किया जाए। इन बीमारियों का एक साथ इलाज करना चुनौतीपूर्ण जरूर होता है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा प्रणाली और अनुभवी डॉक्टर्स की मदद से मरीज की रिकवरी संभव है।

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