भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की शुरुआत कब? केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया बड़ा खुलासा
- May 28, 2025
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भारत डिजिटल युग की ओर तेज़ी से अग्रसर है। इसी दिशा में अब देश सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को अपनाने की तैयारी कर रहा है। इस तकनीक के ज़रिए
भारत डिजिटल युग की ओर तेज़ी से अग्रसर है। इसी दिशा में अब देश सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को अपनाने की तैयारी कर रहा है। इस तकनीक के ज़रिए
भारत डिजिटल युग की ओर तेज़ी से अग्रसर है। इसी दिशा में अब देश सैटेलाइट इंटरनेट सेवा को अपनाने की तैयारी कर रहा है। इस तकनीक के ज़रिए भारत के दूर-दराज़ के ग्रामीण इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और सीमावर्ती इलाकों तक इंटरनेट की पहुंच संभव हो पाएगी, जहां अभी तक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क की सुविधा सीमित या न के बराबर है। इसी संदर्भ में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में एक अहम घोषणा की, जो भारत में इंटरनेट क्रांति को नया आयाम दे सकती है।
यह अहम घोषणा सिंधिया ने ‘संचार मित्र योजना’ की शुरुआत के अवसर पर की। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बताया कि भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत कब से होगी, इस पर सरकार कोई निर्धारित तारीख नहीं बता सकती, क्योंकि यह पूरी तरह से कंपनियों की तैयारियों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार की भूमिका केवल उस सीमा तक है, जहां वह कंपनियों को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए लाइसेंस प्रदान करती है। जब कंपनियां सरकारी दिशा-निर्देशों और शर्तों को पूरा कर लेंगी, तब सरकार उन्हें सेवाएं शुरू करने की अनुमति देगी।
केंद्रीय मंत्री ने जानकारी दी कि इस दिशा में दो निजी कंपनियों ने पहले ही निर्धारित तकनीकी और कानूनी शर्तें पूरी कर ली हैं। यानी ये कंपनियां अब सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए सरकार से लाइसेंस पाने की स्थिति में हैं। वहीं, तीसरी कंपनी भी तेजी से मानकों को पूरा करने की ओर अग्रसर है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत अब बहुत दूर नहीं है।
सिंधिया ने साफ कहा कि सरकार की ओर से सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू होने की कोई निश्चित तारीख घोषित नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि जैसे ही कंपनियों को लाइसेंस और स्पेक्ट्रम का आवंटन मिलेगा, उसके बाद ये कंपनियां खुद तय करेंगी कि वे सेवा कब और कैसे शुरू करेंगी।
यह पूरी प्रक्रिया निजी कंपनियों की व्यावसायिक योजनाओं, तकनीकी तैयारियों और रणनीतियों पर निर्भर करती है। सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आवश्यक नीतियों और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में कोई बाधा न हो और सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी ढंग से पूरी की जाएं।
मंत्री ने यह भी बताया कि सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन पूरी तरह से ट्राई (TRAI – टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के द्वारा तय किए गए नियमों और रेगुलेशन के अनुसार किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि स्पेक्ट्रम का उपयोग कुशलतापूर्वक और निष्पक्ष रूप से हो।
TRAI द्वारा निर्धारित नीति ढांचा इस बात को सुनिश्चित करता है कि स्पेक्ट्रम वितरण में किसी प्रकार का भेदभाव न हो और हर कंपनी को समान अवसर मिले। इस दिशा में सरकार और रेगुलेटरी बॉडी मिलकर काम कर रही हैं ताकि प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सुदृढ़ हो।
इसी कार्यक्रम के दौरान इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 (India Mobile Congress 2025) का भी अनावरण किया गया। यह देश का सबसे बड़ा और प्रभावशाली टेक्नोलॉजी इवेंट है, जो इस बार 8 से 11 अक्टूबर 2025 के बीच नई दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा।
इस बार इस मेगा इवेंट की थीम रखी गई है – “InnoVate to Transform”, जिसका अर्थ है “नवाचार के माध्यम से बदलाव लाना।” मंत्री सिंधिया ने बताया कि यह थीम भारत की तकनीकी प्रगति और वैश्विक नवाचार में उसके बढ़ते योगदान को दर्शाती है। भारत न केवल डिजिटल तकनीकों को अपनाने में सबसे तेज़ है, बल्कि अब वह तकनीकी समाधान और इनोवेशन का ग्लोबल हब भी बनता जा रहा है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। इसमें 150 से अधिक देशों के 7,000 विदेशी प्रतिनिधि और 400 से अधिक प्रदर्शक और साझेदार हिस्सा लेंगे। यह इवेंट केवल एक टेक्नोलॉजी प्रदर्शनी नहीं होगा, बल्कि एक ऐसा मंच होगा जहां नवाचार, विचार, समाधान और नीति निर्धारण पर चर्चा होगी।
इस बार इस कार्यक्रम में स्टार्टअप्स को खास तवज्जो दी जा रही है। ‘ASPIRE’ नामक एक विशेष प्रोग्राम के तहत 500 से अधिक स्टार्टअप्स को निवेशकों और इनक्यूबेटर्स से जोड़ने की योजना है। इससे नए विचारों को न केवल आर्थिक सहयोग मिलेगा, बल्कि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन और उद्योग विशेषज्ञों से जुड़ने का भी अवसर मिलेगा।
इस कार्यक्रम में मेंटोरशिप, लाइव पिचिंग, और नेटवर्किंग जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, जिससे स्टार्टअप्स को अपने विचारों को आगे बढ़ाने और उन्हें व्यावसायिक रूप देने में मदद मिलेगी। यह पहल भारत को “Startup Nation” बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत सिर्फ एक तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगी। यह सेवा उन करोड़ों लोगों को डिजिटल दुनिया से जोड़ेगी, जो अभी भी कनेक्टिविटी के अभाव में डिजिटल सेवाओं से वंचित हैं। इससे न केवल शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और ई-गवर्नेंस सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी, बल्कि रोजगार और आर्थिक विकास के नए रास्ते भी खुलेंगे।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की शुरुआत अब दूर नहीं है। सरकार कंपनियों को तेज़ी से लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया में लगी हुई है और TRAI भी स्पेक्ट्रम नीति पर काम कर रहा है। दो कंपनियां पहले ही तैयार हो चुकी हैं और तीसरी भी जल्द शामिल होने वाली है। हालांकि सेवा शुरू होने की सटीक तारीख कंपनियों की रणनीति पर निर्भर करेगी।
इसके साथ ही, इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2025 जैसे कार्यक्रम भारत के टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप इकोसिस्टम को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। इन दोनों घटनाओं को मिलाकर यह कहा जा सकता है कि भारत अब डिजिटल युग में एक अग्रणी शक्ति बनने के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।
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