18 करोड़ पाकिस्तानियों का डेटा लीक: क्या देख रहे हैं लोग अपने मोबाइल में? जानिए पूरी रिपोर्ट
- May 27, 2025
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पाकिस्तान में एक ऐसा बड़ा डेटा ब्रीच सामने आया है, जिसने साइबर सुरक्षा के सारे खतरे उजागर कर दिए हैं। इस लीक में 18 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट
पाकिस्तान में एक ऐसा बड़ा डेटा ब्रीच सामने आया है, जिसने साइबर सुरक्षा के सारे खतरे उजागर कर दिए हैं। इस लीक में 18 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट
पाकिस्तान में एक ऐसा बड़ा डेटा ब्रीच सामने आया है, जिसने साइबर सुरक्षा के सारे खतरे उजागर कर दिए हैं। इस लीक में 18 करोड़ से ज्यादा इंटरनेट यूज़र्स के लॉगिन आईडी, पासवर्ड, ईमेल और संवेदनशील जानकारी उजागर हो चुकी है। यह पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा डेटा लीक बताया जा रहा है, जिससे सोशल मीडिया, सरकारी पोर्टल, बैंकिंग और हेल्थ सेक्टर तक प्रभावित हुए हैं।
इस घटना से यह भी सवाल उठने लगे हैं कि आख़िर पाकिस्तानी यूज़र्स अपने मोबाइल पर छुप-छुपकर क्या देखते हैं, जिनकी जानकारी अब लीक हो चुकी है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह डेटा लीक कैसे हुआ, क्या खतरे हैं, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
इस लीक की जानकारी नेशनल साइबर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (PKCERT) ने दी है, जो पाकिस्तान में साइबर सुरक्षा से जुड़े मामलों की निगरानी करती है। PKCERT ने बताया कि यह डेटा एक पब्लिकली एक्सेसिबल और अनएन्क्रिप्टेड फाइल के रूप में इंटरनेट पर उपलब्ध था, जिसमें लगभग 184 मिलियन यूनिक अकाउंट्स की जानकारी थी।
लीक हुई फाइल में शामिल हैं:
PKCERT ने इसे एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा माना है और जनता से फौरन सुरक्षा उपाय अपनाने की अपील की है।
इस लीक के पीछे एक इंफो-स्टीलर मैलवेयर का हाथ बताया जा रहा है। यह ऐसा सॉफ़्टवेयर होता है, जो यूज़र के डिवाइस में चुपचाप इंस्टॉल होकर उसकी सारी संवेदनशील जानकारी चोरी कर लेता है। इसमें सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि जो डेटा मिला है वह बिना किसी सुरक्षा के, साधारण टेक्स्ट फॉर्मेट में ऑनलाइन पड़ा मिला – न कोई एन्क्रिप्शन, न कोई पासवर्ड।
इस प्रकार के डेटा लीक से कई तरह के साइबर क्राइम हो सकते हैं:
चूंकि यह लीक इतने बड़े स्तर पर हुआ है, और इसमें सोशल मीडिया व निजी ऐप्स की जानकारी भी शामिल है, इसलिए अब यह भी सामने आ सकता है कि यूज़र अपने मोबाइल पर क्या ब्राउज़ कर रहे थे, किन ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे थे, और किन वेबसाइट्स पर बार-बार लॉगिन हो रहा था। इससे उनके प्राइवेट बिहेवियर पैटर्न का विश्लेषण करना आसान हो गया है, जो निजता के लिए बेहद खतरनाक संकेत है।
PKCERT ने इस खतरे से निपटने के लिए कुछ जरूरी उपाय बताए हैं:
इस तरह की घटनाएं यह भी दिखाती हैं कि केवल यूज़र की लापरवाही ही नहीं, बल्कि सरकारी और प्राइवेट एजेंसियों की साइबर सुरक्षा में भी भारी खामियां हैं। बिना एन्क्रिप्शन के इतनी बड़ी मात्रा में डेटा का सार्वजनिक रूप से लीक हो जाना सिस्टम की नाकामी को दर्शाता है।
यह डेटा लीक पाकिस्तान के लोगों के लिए सिर्फ एक चेतावनी नहीं, बल्कि डिजिटल जागरूकता की एक जरूरी सीख भी है। आज जब हर काम मोबाइल और इंटरनेट से होता है, तो अपनी डिजिटल सुरक्षा को नजरअंदाज करना खुद को जोखिम में डालने जैसा है।
हर यूज़र को अब सतर्क रहना होगा और यह समझना होगा कि सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट या ऑनलाइन ट्रांजैक्शन ही नहीं, बल्कि उनके पूरे डिजिटल व्यवहार पर नज़र रखी जा सकती है — और एक छोटी सी गलती भी उनकी पहचान, वित्तीय डिटेल और निजी जानकारी को उजागर कर सकती है।