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अगर Airtel का ये मास्टर प्लान हुआ कामयाब, तो साइबर ठगों की उल्टी गिनती शुरू!

  • May 26, 2025
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भारत में साइबर अपराध और ऑनलाइन स्कैम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आए दिन किसी न किसी व्यक्ति को फर्जी लोन ऑफर, फ्रॉड कॉल, फिशिंग लिंक

अगर Airtel का ये मास्टर प्लान हुआ कामयाब, तो साइबर ठगों की उल्टी गिनती शुरू!

भारत में साइबर अपराध और ऑनलाइन स्कैम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आए दिन किसी न किसी व्यक्ति को फर्जी लोन ऑफर, फ्रॉड कॉल, फिशिंग लिंक या पेमेंट ऐप स्कैम का शिकार होना पड़ रहा है। ऐसे में देश की बड़ी टेलीकॉम कंपनी Airtel ने एक बेहद जरूरी और ठोस कदम उठाया है। Airtel ने Reliance Jio और Vodafone Idea (Vi) से हाथ मिलाने का प्रस्ताव रखा है ताकि मिलकर इस साइबर संकट का सामना किया जा सके।

अगर Airtel का ये प्लान सफल होता है, तो न सिर्फ करोड़ों मोबाइल यूजर्स को राहत मिलेगी बल्कि स्कैम और फ्रॉड करने वाले ठगों की उल्टी गिनती भी शुरू हो जाएगी।

2024 में कितना हुआ नुकसान?

Airtel द्वारा जियो और Vi को भेजे गए लेटर में बताया गया कि 2024 के शुरुआती 9 महीनों में भारत में 17 लाख से ज्यादा साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज की गईं। इन मामलों में स्कैमर्स ने लोगों से कुल 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है।

यह आंकड़ा न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अगर जल्द कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

क्या है Airtel का प्लान?

Airtel ने ‘Joint Telecom Fraud Initiative’ नामक एक पहल शुरू करने का प्रस्ताव रखा है। इस इनिशिएटिव का मुख्य उद्देश्य टेलीकॉम नेटवर्क्स के बीच सहयोग से साइबर फ्रॉड और ऑनलाइन स्कैम को रोकना है।

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इस प्लान के मुख्य बिंदु हैं:

  • रियल टाइम फ्रॉड इंटेलिजेंस शेयरिंग:
    तीनों टेलीकॉम कंपनियां एक-दूसरे के साथ रियल टाइम में फ्रॉड की जानकारी साझा करेंगी।
  • क्रॉस नेटवर्क कोऑर्डिनेशन:
    अलग-अलग नेटवर्क्स के बीच बेहतर समन्वय बनाकर फ्रॉड को जल्दी पकड़ा और रोका जा सकेगा।
  • सभी यूजर्स को सुरक्षा कवच:
    यूजर्स के डाटा और ट्रांजैक्शन को ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम किया जाएगा।

क्यों जरूरी है टेलीकॉम कंपनियों का साथ आना?

साइबर अपराधी दिन-ब-दिन शातिर होते जा रहे हैं। फर्जी लोन ऑफर, नकली पेमेंट ऐप्स, स्पैम कॉल्स और फिशिंग लिंक्स के ज़रिए वे आम लोगों को ठग रहे हैं। Airtel का मानना है कि जब तक सभी टेलीकॉम कंपनियां मिलकर एक मजबूत फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम नहीं बनातीं, तब तक साइबर अपराधों पर लगाम लगाना मुश्किल होगा।

एकजुट होकर काम करने से न सिर्फ स्कैम की पहचान आसान होगी, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म करने में भी मदद मिलेगी।

सरकार और ट्राई को भी दी जानकारी

Airtel ने इस पहल की जानकारी TRAI (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी और टेलीकॉम सचिव नीरज मित्तल को भी दी है। Airtel ने बताया कि देश के करोड़ों टेलीकॉम यूजर्स को इस खतरे से बचाने के लिए यह जरूरी कदम है।

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क्या पहले भी हुआ था ऐसा प्रयास?

जी हां, Airtel ने इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी सभी टेलीकॉम कंपनियों से एक साथ आने की अपील की थी। उस समय Airtel ने सुझाव दिया था कि सभी कॉरपोरेट कनेक्शन की डिटेल्स एक तय फॉर्मेट में साझा की जाएं, ताकि अनचाहे कमर्शियल मैसेज और स्पैम कॉल्स पर रोक लगाई जा सके।

हालांकि उस समय कंपनियों की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, लेकिन इस बार हालात की गंभीरता को देखते हुए जियो और Vi के शामिल होने की संभावना ज्यादा है।

क्या होगा फायदा?

अगर जियो और Vi, Airtel के इस फ्रॉड इनिशिएटिव का हिस्सा बनते हैं तो इसके बड़े फायदे होंगे:

  • यूजर्स को फेक कॉल्स और मैसेज से राहत मिलेगी
  • फ्रॉड डिटेक्शन और रेस्पॉन्स सिस्टम बेहतर होगा
  • कंपनियों की ब्रांड इमेज और यूजर ट्रस्ट में सुधार होगा
  • साइबर ठगों का नेटवर्क धीरे-धीरे खत्म किया जा सकेगा

निष्कर्ष

Airtel का यह कदम ना केवल सराहनीय है, बल्कि वक्त की जरूरत भी है। जब देशभर में करोड़ों लोग ऑनलाइन स्कैम का शिकार हो रहे हैं, तब टेलीकॉम कंपनियों का एक साथ आना साइबर सुरक्षा को एक नई दिशा दे सकता है। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या जियो और Vodafone Idea Airtel के इस प्लान में शामिल होते हैं या नहीं। लेकिन अगर ये साझेदारी बनती है, तो यकीन मानिए – स्कैम करने वालों के बुरे दिन जल्द ही शुरू होने वाले हैं।

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