कर्नाटक में खुशियों का पल बना मातम: गोद भराई की रस्म के बीच पति की दिल का दौरा पड़ने से मौत
- May 24, 2025
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कर्नाटक के बागलकोट जिले के जामखंडी से एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। एक महिला की गोद भराई की रस्म उस समय मातम में
कर्नाटक के बागलकोट जिले के जामखंडी से एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। एक महिला की गोद भराई की रस्म उस समय मातम में
कर्नाटक के बागलकोट जिले के जामखंडी से एक बेहद भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। एक महिला की गोद भराई की रस्म उस समय मातम में बदल गई जब उसके पति की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इस घटना ने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे इलाके को गहरे सदमे में डाल दिया।
33 वर्षीय सतीश अपनी पत्नी की गोद भराई के मौके पर बेहद खुश थे। उनकी पत्नी सात महीने की गर्भवती है और दोनों आने वाले बच्चे को लेकर बड़े सपने देख रहे थे। लेकिन नियति को शायद कुछ और ही मंजूर था।
सतीश अपनी पत्नी और परिवार के साथ गोद भराई समारोह में शामिल हुए थे। वे मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत कर रहे थे, हंसते-खिलखिलाते चेहरे से आने वाले पलों की खुशियां मना रहे थे। कार्यक्रम में रिश्तेदारों और मित्रों का आना-जाना लगा हुआ था।
इसी बीच अचानक सतीश को सीने में तेज दर्द हुआ और वह जमीन पर गिर पड़े। वहां मौजूद लोगों को पहले तो समझ नहीं आया कि क्या हुआ, लेकिन जब सतीश को होश नहीं आया, तो आनन-फानन में उन्हें मंगलौर के एक अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने सतीश की हालत को गंभीर बताया और इलाज शुरू किया गया। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों ने हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया।
यह खबर सुनते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सबसे ज्यादा सदमे में उनकी गर्भवती पत्नी थीं, जो अपने आने वाले बच्चे के लिए पति के साथ सपने बुन रही थीं। अब वे इस बच्चे को अकेले दुनिया में लाने को मजबूर हैं।
जिस बच्चे का स्वागत करने के लिए सतीश इतने उत्साहित थे, उसकी एक झलक भी वे नहीं देख सके। यह सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं कि जिस पिता ने अपने बच्चे के स्वागत की तैयारियां कर रखी थीं, वही पिता अब इस दुनिया में नहीं रहा।
यह घटना इस बात की गवाही देती है कि जीवन कितना अस्थिर और अनिश्चित हो सकता है। एक पल की खुशी अगले ही पल गहरे दुख में बदल सकती है।
बागलकोट के जामखंडी से ही कुछ दिन पहले एक और दुखद मामला सामने आया था। 17 मई को प्रवीण कुर्ने की शादी के महज 15 मिनट बाद ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। शादी की खुशियां कुछ ही पलों में मातम में बदल गईं। दुल्हन, जो नए जीवन की शुरुआत कर रही थी, सुहाग के जोड़े में ही विधवा हो गई।
इन दोनों घटनाओं ने इस क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते खतरे को उजागर किया है।
इन दोनों घटनाओं में एक समानता है — दिल का दौरा और वह भी युवाओं में। अब दिल की बीमारियां सिर्फ उम्रदराज लोगों तक सीमित नहीं रहीं। तनाव, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, खानपान और पर्याप्त आराम की कमी जैसे कारणों से आजकल युवा भी इसका शिकार हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नियमित स्वास्थ्य जांच, संतुलित आहार, शारीरिक व्यायाम और मानसिक तनाव को कम करना बेहद जरूरी है। खासकर जिन परिवारों में पहले से हृदय रोग का इतिहास हो, उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।
सतीश और प्रवीण की घटनाएं हमें एक बड़ा संदेश देती हैं — जीवन की नश्वरता को समझना और हर पल को पूरे दिल से जीना। साथ ही, यह हमारे समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
गोद भराई और शादी जैसे खुशी के मौकों पर ऐसी घटनाएं न केवल परिवारों को तोड़ देती हैं बल्कि पूरे समाज को झकझोर देती हैं।
कर्नाटक के जामखंडी की यह घटना बेहद दुखद है, जो यह दिखाती है कि जिंदगी कभी भी पलट सकती है। सतीश, जो अपने आने वाले बच्चे के लिए बेहद उत्साहित थे, अब इस दुनिया में नहीं हैं। यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की आंखें खोलने वाली है।
जरूरत है कि हम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सजग हों, और अपने जीवन को संतुलन के साथ जीएं — क्योंकि जीवन का कोई भरोसा नहीं।