फिर से बढ़ रहे कोरोना केस: क्या अब बूस्टर डोज़ की है ज़रूरत? एक्सपर्ट्स से जानें पूरी जानकारी
May 23, 2025
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दुनियाभर में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले सामने आने लगे हैं। हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन जैसे देशों के बाद अब भारत में भी कोरोना के
दुनियाभर में एक बार फिर से कोविड-19 के मामले सामने आने लगे हैं। हांगकांग, सिंगापुर, थाईलैंड और चीन जैसे देशों के बाद अब भारत में भी कोरोना के केस बढ़ते दिख रहे हैं। हाल ही में केरल, दिल्ली और अन्य राज्यों में कोविड संक्रमण के नए मामले दर्ज किए गए हैं। हालाँकि अभी इनकी संख्या चिंताजनक स्तर पर नहीं है, फिर भी लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या अब फिर से बूस्टर डोज़ लेने की ज़रूरत है?
हमने इस विषय पर गाजियाबाद के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राकेश कुमार गुप्ता से बात की, जिन्होंने बताया कि वर्तमान हालात क्या संकेत देते हैं और आम नागरिकों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए।
वर्तमान में भारत में कोविड की स्थिति कैसी है?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में अब तक कुल 257 एक्टिव कोविड केस दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस केरल से आ रहे हैं। राजधानी दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में भी छिटपुट मामले मिल रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते हैं कि इन मामलों का स्वरूप अब गंभीर नहीं है।
डॉ. गुप्ता का कहना है कि “कोविड अब महामारी जैसा नहीं रहा, यह अब एक मौसमी वायरल जैसा व्यवहार कर रहा है। इसकी गंभीरता बहुत कम हो चुकी है और इसका इलाज और इंफ्रास्ट्रक्चर अब हमारे पास पूरी तरह मौजूद है।”
क्या बच्चों को लेकर चिंतित होना सही है?
कोविड की पिछली लहरों में यह देखा गया था कि बच्चों में संक्रमण की दर बेहद कम रही थी। बावजूद इसके, अभिभावकों में एक बार फिर चिंता देखने को मिल रही है। स्कूल खुल चुके हैं और बच्चों की सामान्य गतिविधियां भी जारी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है और उनमें कोविड का प्रभाव काफी हल्का रहता है। फिर भी, यदि कोई लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
क्या बूस्टर डोज़ लेना जरूरी है?
इस विषय पर डॉ. राकेश गुप्ता साफ कहते हैं, “फिलहाल भारत की कोविड स्थिति को देखते हुए बूस्टर डोज़ की आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने बताया कि यह निर्णय पूरी तरह व्यक्ति की व्यक्तिगत स्थिति और स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। यदि कोई पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है या उसकी इम्युनिटी कमजोर है, तो वह डॉक्टर से सलाह लेकर बूस्टर डोज़ लगवा सकता है।
डॉ. गुप्ता यह भी कहते हैं, “कोविड से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लापरवाही भी न बरतें। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाएं, हाइजीन का ध्यान रखें और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें।”
एक्सपर्ट की सलाह: कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
इम्युनिटी को मजबूत करें – पौष्टिक आहार लें, पर्याप्त नींद लें और नियमित व्यायाम करें।
सावधानी बरतें – यदि किसी को जुकाम, खांसी या बुखार हो, तो गरम पानी पिएं, भाप लें और मास्क पहनें।
डॉक्टर से संपर्क करें – दो दिन के भीतर लक्षणों में सुधार न हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
भीड़-भाड़ से बचें – खासतौर पर बुजुर्गों और बच्चों को अधिक सावधानी बरतनी चाहिए।
टीकाकरण की स्थिति जांचें – यदि आपने अब तक बूस्टर डोज़ नहीं ली है और आप हाई-रिस्क ग्रुप में आते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
निष्कर्ष
भारत में कोविड-19 की स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन पूरी तरह खतरा टला नहीं है। बूस्टर डोज़ अभी अनिवार्य नहीं मानी जा रही है, लेकिन यदि आप चाहें तो डॉक्टर से परामर्श लेकर इसे ले सकते हैं। डरने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें, हाइजीन का पालन करें और समय पर चिकित्सा सलाह लें। आने वाले महीनों में मौसम बदलाव के साथ संक्रमणों की संख्या बढ़ सकती है, इसलिए बेहतर है कि हम पहले से तैयार रहें।