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स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन की तैनाती की अफवाह पर इंडियन आर्मी का जवाब आया सामने

  • May 20, 2025
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हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अमृतसर स्थित सिखों के सबसे पवित्र धार्मिक

स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन की तैनाती की अफवाह पर इंडियन आर्मी का जवाब आया सामने

हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने अमृतसर स्थित सिखों के सबसे पवित्र धार्मिक स्थल – श्री हरमंदिर साहिब, जिसे आमतौर पर स्वर्ण मंदिर कहा जाता है – के परिसर में एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती की थी। इस खबर ने पूरे देश में बहस छेड़ दी, क्योंकि यह स्थल न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से अति संवेदनशील है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी बेहद गहन है।

हालांकि, अब भारतीय सेना ने इन तमाम अफवाहों पर विराम लगाते हुए आधिकारिक रूप से यह स्पष्ट किया है कि स्वर्ण मंदिर परिसर में कोई भी एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी। सेना ने इस बात को खारिज किया है कि दरबार साहिब के अंदर किसी भी प्रकार की हथियार प्रणाली या सुरक्षा उपकरण की स्थापना की गई थी।

बढ़ाई गई थी सुरक्षा, लेकिन मंदिर परिसर रहा सुरक्षित

दरअसल, इस पूरे विवाद की शुरुआत उस दावे से हुई जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को टारगेट करने की योजना बनाई गई थी। इस दावे के अनुसार, भारत सरकार और सेना ने इस खतरे को गंभीरता से लेते हुए वहां एयर डिफेंस गन तैनात की, जिसकी अनुमति मुख्य ग्रंथी से ली गई। यही नहीं, कुछ खबरों में यह भी कहा गया कि यह पहली बार हुआ जब स्वर्ण मंदिर जैसे धार्मिक स्थल पर इस तरह की सैन्य तैनाती की गई।

इन दावों के बीच शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने भी एक बयान जारी किया। SGPC ने स्पष्ट किया कि जिस समय ऑपरेशन सिंदूर चल रहा था, उस दौरान मंदिर के मुख्य ग्रंथी भारत में नहीं थे, बल्कि अमेरिका के दौरे पर थे। ऐसे में अनुमति लेने की बात पूरी तरह निराधार है। SGPC के अनुसार, ना तो मंदिर परिसर में कोई एयर डिफेंस गन लगी थी और ना ही सेना ने इस संबंध में किसी प्रकार की अनुमति मांगी थी।

सेना का स्पष्ट खंडन

सोमवार, 19 मई 2025 को भारतीय सेना ने स्पष्ट रूप से मीडिया के माध्यम से यह बयान दिया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में किसी भी प्रकार का एयर डिफेंस सिस्टम स्थापित नहीं किया गया था। सेना ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सेना पूर्णतः प्रतिबद्ध है और धार्मिक स्थलों की पवित्रता का पूरा सम्मान करती है। किसी भी तरह की सैन्य तैनाती के पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि उससे धार्मिक भावनाएं आहत न हों।

सेना के बयान ने उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं। सेना ने कहा कि भले ही स्वर्ण मंदिर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया हो, लेकिन मंदिर परिसर में कोई सैन्य गतिविधि नहीं हुई।

पाकिस्तान ने बनाया था स्वर्ण मंदिर को निशाना

भारतीय सेना के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत के कई प्रमुख शहरों को टारगेट करने की योजना बनाई थी। इनमें जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, पठानकोट, जलंधर, लुधियाना, चंडीगढ़ और गुजरात का भुज शहर शामिल था। सेना ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन और मिसाइल के जरिए हमले की साजिश की जा रही थी, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने समय रहते कार्रवाई की और इन सभी खतरों को आसमान में ही नष्ट कर दिया गया।

पाकिस्तान की इस साजिश में स्वर्ण मंदिर भी एक निशाना था। इसका मकसद था भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक सौहार्द को चोट पहुंचाना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को धूमिल करना। लेकिन भारतीय सेना की सजगता और तत्परता के चलते पाकिस्तान की यह योजना असफल हो गई।

भारतीय सेना ने ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और L-70 डिफेंस गन का उपयोग करते हुए पाकिस्तान की तरफ से दागे गए कई ड्रोन और मिसाइल को हवा में ही मार गिराया। इससे न केवल भारत के संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा हुई, बल्कि पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश भी मिला।

धार्मिक स्थलों की गरिमा सर्वोपरि

यह मामला भारत में धार्मिक स्थलों की गरिमा और सेना की भूमिका के बीच संतुलन को भी उजागर करता है। भारतीय सेना का कहना है कि वह देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भी पूरा सम्मान करती है। ऐसे में किसी भी अफवाह या गलत सूचना को फैलाना समाज में भ्रम और अशांति फैला सकता है।

सेना ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर फैल रही खबरों की सच्चाई की पुष्टि किए बिना उन्हें आगे न बढ़ाएं। देश की सुरक्षा एजेंसियां हमेशा मुस्तैद हैं और हर कार्रवाई सावधानी और सम्मान के साथ की जाती है।

निष्कर्ष

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वर्ण मंदिर की सुरक्षा को लेकर जो सवाल उठे थे, उन्हें भारतीय सेना और SGPC दोनों ने स्पष्टता से खारिज कर दिया है। यह साफ हो गया है कि दरबार साहिब परिसर में कोई एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी। हालांकि पाकिस्तान की साजिशों को देखते हुए सेना ने आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी थी।

इस पूरे मामले से यह भी स्पष्ट होता है कि भारत न सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है, बल्कि वह अपनी धार्मिक विरासत को भी पूरी संवेदनशीलता के साथ संरक्षित करता है।

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