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भारत में तुर्की की कंपनियों पर सख्ती: एविएशन सेक्टर में सरकार की कड़ी नजर

  • May 16, 2025
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भारत और तुर्किए (Turkey) के बीच कूटनीतिक संबंधों में इस समय तनाव की स्थिति बनी हुई है। हाल ही में तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन किए जाने

भारत में तुर्की की कंपनियों पर सख्ती: एविएशन सेक्टर में सरकार की कड़ी नजर

भारत और तुर्किए (Turkey) के बीच कूटनीतिक संबंधों में इस समय तनाव की स्थिति बनी हुई है। हाल ही में तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का खुला समर्थन किए जाने के बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसका सीधा असर भारत में काम कर रही तुर्किए की कंपनियों पर पड़ता दिखाई दे रहा है, विशेषकर एविएशन सेक्टर में।

सूत्रों के मुताबिक, भारत के हितों के खिलाफ चल रही गतिविधियों पर सरकार अब एक्शन की तैयारी में है। संसद के कुछ सदस्यों ने भी इस मामले पर चिंता जताई है और सरकार को पत्र लिखकर कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। भारत सरकार अब इन कंपनियों की गतिविधियों की बारीकी से जांच कर रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जो रणनीतिक रूप से संवेदनशील माने जाते हैं।

Turkish companies in India

टर्किश एयरलाइंस पर विशेष निगरानी

भारत में तुर्किए की सबसे प्रमुख एविएशन कंपनी Turkish Airlines है, जो फिलहाल 11 डेस्टिनेशन के लिए उड़ानें संचालित करती है। इसके अलावा टर्किश एयरलाइंस की साझेदारी भारत की प्रमुख बजट एयरलाइन इंडिगो (IndiGo) के साथ कोड शेयरिंग के रूप में भी है। इस साझेदारी के तहत दोनों एयरलाइंस मिलकर टिकट बिक्री और रूट साझा करती हैं, जिससे यात्रीगण को अधिक विकल्प मिलते हैं।

हालांकि, अब सरकार इन साझेदारियों और तुर्किए की कंपनियों की मौजूदगी को एक नए दृष्टिकोण से देख रही है। सरकार की नजर उन सभी पहलुओं पर है जो भारत की सुरक्षा और कूटनीति से जुड़े हैं।

रणनीतिक स्थानों पर कंपनियों की मौजूदगी की समीक्षा

एक और बड़ा पहलू जो सरकार की चिंता का कारण बन रहा है, वह है तुर्किए की कंपनियों की रणनीतिक स्थानों पर मौजूदगी। खासकर एयरपोर्ट्स पर ग्राउंड हैंडलिंग जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं तुर्किए की कुछ कंपनियां भारत में प्रदान कर रही हैं।

ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं में शामिल हैं:

  • यात्रियों और कार्गो का प्रबंधन
  • फ्लाइट टर्नअराउंड सेवाएं
  • सुरक्षा उपायों की निगरानी
  • तकनीकी और मैकेनिकल सपोर्ट

इन सेवाओं का सीधा संबंध एयरपोर्ट की सुरक्षा और संचालन से होता है। यदि ऐसी सेवाएं किसी विदेशी कंपनी, विशेषकर विवादास्पद संबंधों वाले देश की कंपनी द्वारा दी जा रही हो, तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।

इसलिए, सरकार अब समीक्षा कर रही है कि किन-किन एयरपोर्ट्स पर तुर्किए की कंपनियां सक्रिय हैं और उनका दायरा कितना है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया और समर्थन

भारत सरकार के इस कदम को राजनीतिक स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। कई सांसदों और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई देश भारत के विरोधियों का खुला समर्थन करता है, तो उसके साथ व्यापारिक और सामरिक संबंधों की पुनः समीक्षा अनिवार्य है।

इस पूरे प्रकरण को लेकर Boycott Turkey की मांग सोशल मीडिया पर भी जोर पकड़ रही है। कई यूजर्स तुर्किए की कंपनियों का बहिष्कार करने की अपील कर रहे हैं और भारतीय कंपनियों से सहयोग करने की बात कर रहे हैं।

Turkish companies in India

आगे की रणनीति क्या हो सकती है?

सरकार अब कुछ अहम कदम उठा सकती है, जैसे:

  • टर्किश एयरलाइंस को दी गई उड़ान परमिट की समीक्षा
  • कोड शेयरिंग समझौते की पुन: जांच
  • एयरपोर्ट संचालन से जुड़ी संवेदनशील डील्स की जांच
  • ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं का वैकल्पिक समाधान खोजना

इसके अलावा सरकार एविएशन सेक्टर के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी तुर्किए की कंपनियों की भागीदारी की समीक्षा कर सकती है।

निष्कर्ष

भारत का रुख अब स्पष्ट है—यदि कोई देश भारत विरोधी गतिविधियों का समर्थन करता है, तो उसकी कंपनियों को भारत में काम करने की छूट नहीं दी जाएगी। तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने के बाद यह मामला गंभीर हो गया है, और अब सरकार रणनीतिक और आर्थिक दोनों स्तरों पर ठोस कदम उठाने की तैयारी में है।

एविएशन सेक्टर में तुर्किए की भागीदारी की समीक्षा इसी नीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। आने वाले समय में इस दिशा में और भी निर्णय लिए जा सकते हैं, जो भारत के विदेश और रक्षा नीति को और मजबूती देंगे।

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