कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह? जिनकी जाति पर भड़के रामगोपाल यादव
- May 16, 2025
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भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े सैन्य तनाव के दौरान जब ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा पूरे देश में हो रही थी, तब एक नाम लगातार
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े सैन्य तनाव के दौरान जब ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा पूरे देश में हो रही थी, तब एक नाम लगातार
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़े सैन्य तनाव के दौरान जब ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा पूरे देश में हो रही थी, तब एक नाम लगातार सुर्खियों में बना रहा—विंग कमांडर व्योमिका सिंह। लखनऊ की इस बहादुर बेटी ने अपने साहसिक हवाई अभियानों और सटीक नेतृत्व से आतंक के खिलाफ भारत की कार्रवाई को नई पहचान दी।
व्योमिका सिंह देश की शुरुआती महिला हेलीकॉप्टर पायलटों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय वायुसेना में 2500 घंटे से अधिक की उड़ान पूरी की है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी गिनती आज भारतीय वायुसेना की अनुभवी महिला अफसरों में होती है।
ऑपरेशन सिंदूर के सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने कहा, “व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं, एयर मार्शल भारती यादव हैं, और तीनों अधिकारी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि एक अफसर को मुसलमान समझकर गाली दी गई, एक को राजपूत समझकर छोड़ दिया गया, और जब पेपर में नाम आया, तब जाकर सब सोच में पड़ गए।
रामगोपाल यादव की यह टिप्पणी सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में विवाद का विषय बन गई। कई लोगों ने इस बयान को सेना जैसे संस्थानों में जाति घसीटने वाला और अनुचित बताया।
लखनऊ में जन्मी व्योमिका सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा यहीं से पूरी की। बचपन से ही अनुशासन प्रिय और राष्ट्र सेवा की भावना रखने वाली व्योमिका ने पढ़ाई के साथ-साथ NCC (नेशनल कैडेट कोर) की ट्रेनिंग भी ली। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और सेना में जाने का निर्णय लिया।
व्योमिका की शादी हरियाणा के भिवानी जिले के बापोड़ा गांव में हुई, जिसे ‘फौजियों का गांव’ कहा जाता है। इस गांव से कई सैन्य अधिकारी निकल चुके हैं, जिनमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह का नाम भी शामिल है। उनके पति विंग कमांडर दिनेश सिंह सभ्रवाल भी भारतीय वायुसेना में सेवारत हैं। इस तरह यह जोड़ी पूरी तरह से देश सेवा को समर्पित है।
वर्ष 2004 में वायुसेना में कमीशन प्राप्त करने के बाद व्योमिका सिंह ने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों की कमान संभाली। वे उन चंद महिला अधिकारियों में शामिल हैं जिन्होंने अत्यधिक कठिन परिस्थितियों में भी हवाई मिशनों को अंजाम दिया है। 2500 घंटे से अधिक की उड़ान पूरी करना, खासकर महिला पायलट के रूप में, उनकी काबिलियत और समर्पण का प्रमाण है।
“ऑपरेशन सिंदूर” को भारतीय सेना के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अभियान के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी अड्डों पर सटीक कार्रवाई की गई। इस मिशन में व्योमिका सिंह ने हेलीकॉप्टर स्क्वाड्रन की कमान संभाली और अपने नेतृत्व में मिशन को सफल बनाया। उन्होंने न केवल चुनौतीपूर्ण हालात में ठोस निर्णय लिए बल्कि यह भी साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी मोर्चे पर पीछे नहीं हैं।
उनकी निर्णय क्षमता, साहस और नेतृत्व कौशल की प्रशंसा आज पूरे देश में की जा रही है। उन्होंने उन सभी पूर्वाग्रहों को तोड़ा है, जो महिला अधिकारियों की क्षमताओं को लेकर वर्षों से समाज में मौजूद हैं।
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