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भारतीय वैज्ञानिक का खुलासा: इस ग्रह पर भी हो सकता है जीवन का अस्तित्व

  • April 29, 2025
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सदियों से यह सवाल मानवता को उलझाए हुए है – क्या इस विशाल ब्रह्मांड में केवल धरती पर ही जीवन है या कहीं और भी जीवन की संभावनाएं

भारतीय वैज्ञानिक का खुलासा: इस ग्रह पर भी हो सकता है जीवन का अस्तित्व

सदियों से यह सवाल मानवता को उलझाए हुए है – क्या इस विशाल ब्रह्मांड में केवल धरती पर ही जीवन है या कहीं और भी जीवन की संभावनाएं मौजूद हैं? अब इस रहस्य पर से धीरे-धीरे पर्दा उठता दिखाई दे रहा है। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से करीब 700 ट्रिलियन मील दूर स्थित एक ग्रह K2-18b पर ऐसे संकेत खोजे हैं, जो वहां जीवन की मौजूदगी की ओर इशारा कर रहे हैं। यह ग्रह आकार में पृथ्वी से लगभग ढाई गुना बड़ा है।

इस रोमांचक खोज में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के भारतीय मूल के वैज्ञानिक प्रोफेसर निक्कू मधुसूदन और उनकी टीम, जो K2-18b के वायुमंडल का विश्लेषण कर रही है।

जीवन के संकेत: DMS और DMDS की मौजूदगी

वैज्ञानिकों को K2-18b के वातावरण में डाइमिथाइल सल्फाइड (DMS) और डाइमिथाइल डाइसल्फाइड (DMDS) जैसे तत्व मिले हैं। ये रसायन पृथ्वी पर आमतौर पर केवल फाइटोप्लांकटन और बैक्टीरिया जैसे जीवों द्वारा ही उत्पन्न किए जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण खोज है, क्योंकि ये बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं के स्पष्ट संकेतक माने जाते हैं।

हालांकि वैज्ञानिक फिलहाल इसे अंतिम प्रमाण नहीं मान रहे हैं, लेकिन संकेत बेहद मजबूत हैं। प्रो. निक्कू मधुसूदन का कहना है कि अगले एक या दो सालों में यह पूरी तरह से साबित किया जा सकता है कि इस ग्रह पर जीवन के अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं।

क्या K2-18b पर है महासागर?

K2-18b के वातावरण में अमोनिया की अनुपस्थिति ने वैज्ञानिकों की उत्सुकता और बढ़ा दी है। अमोनिया जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है, और इसकी कमी इस बात की संभावना को बढ़ाती है कि ग्रह पर कोई महासागर मौजूद हो सकता है, जो अमोनिया को अवशोषित कर रहा हो।

हालांकि, यह भी संभव है कि ग्रह की सतह के नीचे लावा का महासागर हो, जो जीवन के लिए अनुकूल नहीं होगा। लेकिन फिलहाल जो संकेत मिले हैं, वे पानी आधारित जीवन की दिशा में उम्मीद जगाते हैं।

वैज्ञानिक सटीकता और भविष्य की दिशा

K2-18b ग्रह से जो संकेत मिले हैं, उन्हें अभी तीन-सिग्मा स्तर की पुष्टि प्राप्त हुई है। विज्ञान में किसी खोज को पूरी तरह पुख्ता मानने के लिए पांच-सिग्मा स्तर की आवश्यकता होती है। तीन-सिग्मा स्तर पर भी यह खोज काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है, लेकिन वैज्ञानिक अभी अधिक डेटा इकट्ठा करने और विश्लेषण में सटीकता बढ़ाने में जुटे हैं।

प्रोफेसर मधुसूदन का कहना है कि अगर इस ग्रह पर जीवन की पुष्टि हो जाती है, तो यह सिर्फ K2-18b तक सीमित नहीं रहेगा — यह खोज यह साबित कर सकती है कि हमारे अलावा पूरे ब्रह्मांड में जीवन मौजूद हो सकता है। यह मानवता की सोच और वैज्ञानिक समझ के लिए एक क्रांतिकारी मोड़ होगा।

निष्कर्ष

K2-18b पर मिले जीवन के संकेत एक नई आशा की किरण हैं। अगर इस खोज की पुष्टि होती है, तो यह न केवल खगोल विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक क्षण होगा, बल्कि यह हमारी अस्तित्व की परिभाषा को भी बदल कर रख देगा। आने वाले वर्षों में यह साफ हो जाएगा कि क्या वास्तव में हम अकेले नहीं हैं — और क्या सचमुच इस अनंत ब्रह्मांड में हमारे जैसे और भी हैं।

क्या आप भी मानते हैं कि पृथ्वी के बाहर जीवन संभव है?

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