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22 पाकिस्तानी दुल्हनें बनीं 500 लोगों के परिवार की जड़: मुरादाबाद में जांच तेज, बढ़ी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता

  • May 6, 2025
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उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। एक जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यहां करीब

22 पाकिस्तानी दुल्हनें बनीं 500 लोगों के परिवार की जड़: मुरादाबाद में जांच तेज, बढ़ी सुरक्षा एजेंसियों की चिंता

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। एक जांच के दौरान खुलासा हुआ कि यहां करीब 500 पाकिस्तानी नागरिक रह रहे हैं। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है कि यह संख्या अचानक नहीं, बल्कि 1950 में हुई 22 पाकिस्तानी महिलाओं की शादियों के बाद धीरे-धीरे बढ़ी है। इन महिलाओं के बच्चों और उनके बच्चों के परिवारों की संख्या आज 500 के पार पहुंच गई है।

इतिहास की गलियों से शुरू हुई कहानी

1950 में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध उतने कटु नहीं थे जितने आज हैं। उस वक्त सीमाएं हाल ही में बनी थीं और सामाजिक संबंध अभी भी कायम थे। इसी दौर में 22 पाकिस्तानी महिलाओं की शादियां मुरादाबाद के स्थानीय पुरुषों से हुईं।
इन शादियों के बाद ये महिलाएं भारत में ही बस गईं और वर्षों तक अपने परिवार का विस्तार करती रहीं। धीरे-धीरे इन महिलाओं के 95 बच्चे हुए, फिर उनके बच्चों के भी बच्चे हुए, और अब यह एक विस्तृत परिवार बन चुका है।

22 Pakistani Brides

पहल्गाम आतंकी हमले के बाद सख्ती

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से भारत आए नागरिकों की गहन जांच शुरू कर दी है।
शॉर्ट टर्म वीजा पर भारत में रह रहे पाकिस्तानियों को वापस भेजा जा रहा है, वहीं लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर रह रहे लोगों की पहचान और दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इसी कड़ी में मुरादाबाद पुलिस ने जब गहराई से छानबीन की, तो यह चौंकाने वाला मामला सामने आया।

22 से शुरू होकर 500 तक कैसे पहुंचा आंकड़ा?

22 पाकिस्तानी महिलाएं 1950 में जब भारत आईं, तो उन्हें यहां स्थायी नागरिकता नहीं मिली थी। लेकिन शादी और बच्चों के जन्म के बाद उनके परिवारों ने भारत में ही स्थायी निवास बना लिया।
वर्तमान में इन महिलाओं की अगली दो पीढ़ियां भी भारत में ही हैं, लेकिन उनकी नागरिकता की स्थिति स्पष्ट नहीं है। कई ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है, तो कुछ अब भी वीजा और अन्य अस्थायी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे हैं।
अब जब कुल संख्या 500 के करीब पहुंच चुकी है, तो यह मामला प्रशासन के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

पुलिस की कार्रवाई तेज

मुरादाबाद पुलिस ने इन सभी परिवारों की पहचान, वीजा स्थिति और नागरिकता दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं या जिनका वीजा समाप्त हो चुका है, उन्हें देश छोड़ने के आदेश दिए जा सकते हैं। वहीं जिन लोगों ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया है, उनके दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।

स्थानीय लोगों में फैली हलचल

इस खुलासे के बाद मुरादाबाद के स्थानीय लोगों में भी हलचल मच गई है। कुछ लोग इसे सामान्य सामाजिक संबंधों की परिणति मानते हैं, वहीं कुछ इसे सुरक्षा की दृष्टि से गंभीर मसला बता रहे हैं।
स्थानीय निवासी कहते हैं, “ये महिलाएं तो दशकों से यहां रह रही हैं, लेकिन अब जब उनकी संख्या इतनी बढ़ गई है, और देश में आतंकी गतिविधियां तेज हुई हैं, तो प्रशासन की सतर्कता जरूरी है।”

सरकार और एजेंसियों की जिम्मेदारी बढ़ी

यह मामला सरकार और खुफिया एजेंसियों के लिए एक बड़ा संकेत है कि पुराने रिश्तों और शादियों के माध्यम से आई जनसंख्या को कैसे ट्रैक और मैनेज किया जाए।
सरकार के सामने अब दोहरी चुनौती है — एक ओर मानवता और पुरानी सामाजिक व्यवस्थाओं का सम्मान करना, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करना।

निष्कर्ष:

मुरादाबाद का यह मामला बताता है कि इतिहास कैसे वर्तमान में चुनौती बन सकता है। 22 पाकिस्तानी दुल्हनों से शुरू हुई कहानी आज 500 लोगों के परिवार में बदल चुकी है। अब इनकी कानूनी स्थिति और नागरिकता का प्रश्न प्रशासन और सरकार के सामने गंभीर रूप से खड़ा है।
जांच जरूरी है, लेकिन संवेदनशीलता भी उतनी ही आवश्यक है, ताकि किसी निर्दोष के साथ अन्याय न हो और सुरक्षा भी बनी रहे।

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