16 अरब पासवर्ड लीक: भारत सरकार ने इंटरनेट यूज़र्स को किया अलर्ट
- July 7, 2025
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आज के डिजिटल युग में पासवर्ड हमारी ऑनलाइन पहचान और सुरक्षा की पहली और सबसे अहम कड़ी बन चुका है। लेकिन हाल ही में सामने आई एक चौंकाने
आज के डिजिटल युग में पासवर्ड हमारी ऑनलाइन पहचान और सुरक्षा की पहली और सबसे अहम कड़ी बन चुका है। लेकिन हाल ही में सामने आई एक चौंकाने
आज के डिजिटल युग में पासवर्ड हमारी ऑनलाइन पहचान और सुरक्षा की पहली और सबसे अहम कड़ी बन चुका है। लेकिन हाल ही में सामने आई एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने पासवर्ड लीक से जुड़ा एक बड़ा अलर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में करीब 16 अरब से भी ज्यादा पासवर्ड लीक हो चुके हैं। यह घटना अब तक की सबसे बड़ी डेटा लीक घटनाओं में गिनी जा रही है और इसका सीधा असर भारत के करोड़ों इंटरनेट यूज़र्स पर पड़ सकता है।
CERT-In की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये पासवर्ड लीक 30 से ज्यादा बड़े डेटा डंप्स से जुड़े हुए हैं। ये डेटा डंप्स मुख्य रूप से इंफो-स्टीलर मालवेयर के जरिये हुए हैं। इंफो-स्टीलर मालवेयर एक प्रकार का खतरनाक सॉफ्टवेयर होता है, जो यूज़र्स के कंप्यूटर या ब्राउज़र में घुसकर उनकी महत्वपूर्ण जानकारियां चुरा लेता है। इसके अलावा गलत ढंग से कॉन्फ़िगर किए गए डेटाबेस, जैसे कि ओपन Elasticsearch सर्वर भी इस लीक का एक बड़ा स्रोत हैं।
इस पासवर्ड लीक में सिर्फ पासवर्ड ही नहीं, बल्कि यूज़रनेम, सेशन कुकीज़, ऑथेंटिकेशन टोकन और अकाउंट से जुड़ी मेटाडेटा जानकारी भी शामिल है। इसका मतलब यह है कि हैकर आपके अकाउंट को न सिर्फ एक्सेस कर सकते हैं, बल्कि आपका पूरा डिजिटल प्रोफाइल ही संभाल सकते हैं।
यह पासवर्ड लीक सिर्फ संख्या में बड़ा नहीं है, बल्कि इसके खतरे भी उतने ही गंभीर हैं। CERT-In ने इस ब्रीच से चार बड़े साइबर खतरों की चेतावनी दी है:
हैकर लीक हुए पासवर्ड और यूज़रनेम का उपयोग करके अलग-अलग वेबसाइट्स और ऐप्स पर लॉगिन करने की कोशिश करते हैं। अगर आपने हर साइट पर एक ही पासवर्ड रखा है तो आपका अकाउंट बहुत जल्दी हैक हो सकता है।
लीक हुए डेटा का इस्तेमाल कर फर्जी ईमेल, मैसेज और वेबसाइट्स बनाई जा सकती हैं, जो बिल्कुल असली जैसी दिखती हैं। इनका मकसद होता है आपको धोखे से और ज्यादा निजी जानकारी देने पर मजबूर करना।
सबसे बड़ा खतरा यही है कि कोई हैकर आपके बैंकिंग, सोशल मीडिया, ईमेल या बिज़नेस अकाउंट को पूरी तरह कंट्रोल में ले सकता है। इसके बाद आपके नाम से गलत पोस्ट, पैसे की मांग या फ्रॉड किया जा सकता है।
लीक हुए पासवर्ड्स का इस्तेमाल कर कंपनियों के सिस्टम में घुसपैठ की जा सकती है। इसके बाद डेटा चोरी, फाइनेंशियल फ्रॉड या फिर रैंसमवेयर अटैक कर करोड़ों रुपए की फिरौती मांगी जा सकती है।
भारत सरकार की साइबर सुरक्षा एजेंसी CERT-In ने इस पासवर्ड लीक को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करके आप अपनी सुरक्षा बढ़ा सकते हैं।
सबसे पहले सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स जैसे ईमेल, बैंकिंग, सोशल मीडिया, क्लाउड स्टोरेज आदि के पासवर्ड तुरंत बदलें। याद रखें, हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड बनाना जरूरी है।
सिर्फ पासवर्ड बदलना काफी नहीं होता। MFA को चालू करने से आपके अकाउंट में एक्स्ट्रा सिक्योरिटी लेयर जुड़ जाती है। इससे अगर पासवर्ड लीक भी हो जाए, तब भी हैकर लॉगिन नहीं कर पाएगा।
पासवर्ड मैनेजर आपको हर वेबसाइट के लिए मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाने और उन्हें सुरक्षित रखने में मदद करता है। इससे आप अलग-अलग पासवर्ड याद रखने की टेंशन से भी बच जाते हैं।
कोई भी ईमेल, मैसेज या कॉल जिसमें सिक्योरिटी अलर्ट या पासवर्ड रीसेट करने की बात कही जा रही हो, उस पर आंख बंद करके भरोसा न करें। पहले अच्छी तरह जांचें और केवल ऑफिशियल वेबसाइट या एप से ही कार्रवाई करें।
इस पासवर्ड लीक में सबसे ज्यादा खतरा उन यूज़र्स को है, जो Apple, Google, Facebook, Telegram, GitHub और VPN सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर हमारी पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों तरह की जानकारियां होती हैं। अगर ये अकाउंट्स हैक हो जाते हैं, तो न केवल आपकी प्राइवेसी खतरे में पड़ती है, बल्कि आपके सोशल और प्रोफेशनल रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं।
आज के दौर में पासवर्ड ही हमारी डिजिटल जिंदगी की चाबी है। एक मजबूत पासवर्ड ही आपको हैकर्स और साइबर अपराधियों से बचा सकता है। पासवर्ड लीक की घटना से यह साफ हो गया है कि हमें अपनी डिजिटल सुरक्षा को हल्के में नहीं लेना चाहिए।
हम में से बहुत से लोग एक ही पासवर्ड कई वेबसाइट्स पर इस्तेमाल करते हैं, जो सबसे बड़ी गलती है। इसके अलावा, कमजोर पासवर्ड जैसे ‘123456’, ‘password’, ‘qwerty’ आदि को छोड़ देना चाहिए। ऐसे पासवर्ड्स को हैकर्स मिनटों में क्रैक कर सकते हैं।
CERT-In की रिपोर्ट के अनुसार, यह पासवर्ड लीक घटना हर इंटरनेट यूज़र के लिए एक चेतावनी है। हो सकता है, आपने अभी तक कोई संदिग्ध गतिविधि न देखी हो, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सुरक्षित हैं। कई बार हैकर्स धीरे-धीरे आपके अकाउंट्स में सेंध लगाते हैं और जब आपको पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
इसलिए, बिना देर किए अपने पासवर्ड बदलें, MFA चालू करें और पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल शुरू करें। इसके अलावा, नियमित रूप से अपने अकाउंट्स की सिक्योरिटी सेटिंग्स चेक करते रहें और अगर कोई भी संदिग्ध लॉगिन दिखे तो तुरंत संबंधित प्लेटफॉर्म को रिपोर्ट करें।
पासवर्ड लीक की यह घटना हमें सिखाती है कि ऑनलाइन दुनिया में सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। आपकी एक छोटी सी लापरवाही आपकी निजी जिंदगी और आर्थिक सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल सकती है। तो अभी से अपने डिजिटल सुरक्षा कवच को मजबूत करिए और खुद को साइबर खतरों से बचाइए।
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पासवर्ड लीक तब होता है जब किसी वेबसाइट, ऐप या सर्वर से यूज़र्स के पासवर्ड और अन्य संवेदनशील डेटा हैकर्स के हाथ लग जाते हैं और सार्वजनिक या डार्क वेब पर बेच दिए जाते हैं। इससे यूज़र्स के अकाउंट्स पर बड़ा खतरा पैदा हो जाता है।
अगर आपका पासवर्ड लीक हो गया है, तो सबसे पहले तुरंत अपना पासवर्ड बदलें। मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) चालू करें, पासवर्ड मैनेजर का इस्तेमाल करें और फिशिंग ईमेल से सतर्क रहें।
MFA एक अतिरिक्त सुरक्षा लेयर देता है। पासवर्ड लीक हो जाने के बाद भी कोई दूसरा व्यक्ति आपके अकाउंट में लॉगिन नहीं कर सकता क्योंकि उसे दूसरी पुष्टि (जैसे OTP या ऐप कोड) भी देनी पड़ती है।
आप कुछ सिक्योरिटी वेबसाइट्स (जैसे — Have I Been Pwned) पर जाकर अपना ईमेल या यूज़रनेम डालकर चेक कर सकते हैं कि आपका डेटा पहले किसी डेटा ब्रीच में शामिल हुआ है या नहीं। साथ ही, संदिग्ध लॉगिन एक्टिविटी पर भी नजर रखें।
बिल्कुल नहीं। एक ही पासवर्ड कई वेबसाइट्स पर इस्तेमाल करना सबसे बड़ा खतरा होता है। अगर एक वेबसाइट का डेटा लीक हो जाता है, तो आपके सभी अकाउंट्स खतरे में पड़ जाते हैं। इसलिए हर अकाउंट के लिए अलग और मजबूत पासवर्ड बनाना जरूरी है।