Bollywood

शाहरुख खान से नेशनल अवार्ड हारने पर मनोज बाजपेयी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘अवॉर्ड सम्मान खो रहे हैं’

  • September 15, 2025
  • 0

मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के उन अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से बॉलीवुड में अलग पहचान बनाई है। हाल ही में हुए नेशनल अवार्ड्स में

शाहरुख खान से नेशनल अवार्ड हारने पर मनोज बाजपेयी ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘अवॉर्ड सम्मान खो रहे हैं’

मनोज बाजपेयी हिंदी सिनेमा के उन अभिनेताओं में से हैं, जिन्होंने अपने दमदार अभिनय से बॉलीवुड में अलग पहचान बनाई है। हाल ही में हुए नेशनल अवार्ड्स में जब शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला, तो कई लोगों ने सवाल उठाए। इस दौरान सबसे ज़्यादा चर्चा मनोज बाजपेयी के बयान की हुई, जिन्होंने पहली बार नेशनल अवार्ड हारने पर अपनी चुप्पी तोड़ी।

नेशनल अवार्ड हारने पर मनोज बाजपेयी का बयान

मनोज बाजपेयी ने कहा कि आजकल अवॉर्ड्स का मूल्य पहले जैसा नहीं रह गया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बार-बार नेशनल अवार्ड से उन्हें फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब अवार्ड्स की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगें तो यह चिंता का विषय है।

उन्होंने बताया कि वह हमेशा अपने काम को प्राथमिकता देते हैं, न कि पुरस्कारों को। लेकिन जब अवार्ड हारने के पीछे राजनीति या स्टार पावर को कारण बताया जाता है, तो कलाकारों को निराशा होती है।

शाहरुख खान को नेशनल अवार्ड और विवाद

नेशनल अवार्ड हारने

इस बार शाहरुख खान को बेस्ट एक्टर के लिए नेशनल अवार्ड दिया गया। हालांकि उनकी फिल्म सुपरहिट रही और दर्शकों ने खूब पसंद भी किया, लेकिन मनोज बाजपेयी और उनके प्रशंसकों को लगा कि उनके परफॉर्मेंस को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। यही वजह रही कि सोशल मीडिया पर नेशनल अवार्ड हारने को लेकर बहस छिड़ गई।

लोगों का मानना है कि मनोज बाजपेयी का काम ज्यादा बेहतर था, लेकिन स्टार पावर और बड़े नाम के चलते उन्हें नेशनल अवार्ड हारने का सामना करना पड़ा।

नेशनल अवार्ड हारने का कलाकारों पर असर

हर कलाकार के लिए अवॉर्ड जीतना गर्व की बात होती है। लेकिन बार-बार अवार्ड हारने का असर कलाकारों के मनोबल पर भी पड़ सकता है। मनोज बाजपेयी ने कहा कि वह अपने प्रशंसकों की भावनाओं को समझते हैं और उनकी नाराजगी जायज़ है।

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अवॉर्ड्स से ज्यादा खुशी तब मिलती है जब दर्शक उनके काम की सराहना करते हैं।

अवार्ड्स पर उठते सवाल

नेशनल अवार्ड हारने

मनोज बाजपेयी ने यह भी कहा कि अगर हर साल नेशनल अवार्ड हारने का कारण सिर्फ राजनीति या फेवरिटिज़्म बन जाए, तो यह पुरस्कारों की गरिमा को ठेस पहुंचाता है। उन्होंने यह भी कहा कि असली सम्मान दर्शकों का प्यार है, न कि केवल एक ट्रॉफी।

उनके अनुसार, अवॉर्ड्स का मकसद कलाकारों को प्रोत्साहित करना होना चाहिए, लेकिन आजकल यह केवल नाम और प्रसिद्धि का खेल बन गया है।

सोशल मीडिया पर बहस

मनोज बाजपेयी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त चर्चा छिड़ गई। ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फैंस ने लिखा कि नेशनल अवार्ड के बावजूद मनोज बाजपेयी असली विजेता हैं। वहीं, शाहरुख खान के फैंस का मानना है कि उन्होंने अवार्ड सही मायने में डिज़र्व किया।

यह बहस अभी भी जारी है और हर कोई अपने पसंदीदा स्टार का समर्थन कर रहा है।

नेशनल अवार्ड हारने और इंडस्ट्री की राजनीति

बॉलीवुड में यह कोई पहली बार नहीं हुआ है जब किसी कलाकार ने नेशनल अवार्ड हारने पर नाराजगी जताई हो। इससे पहले भी कई कलाकार यह कह चुके हैं कि अवॉर्ड्स अक्सर निष्पक्ष नहीं होते।

मनोज बाजपेयी का यह बयान इंडस्ट्री की उस राजनीति को उजागर करता है, जहां प्रतिभा को कभी-कभी पीछे छोड़कर लोकप्रियता को प्राथमिकता दी जाती है।

दर्शकों का नजरिया

दर्शकों का कहना है कि चाहे कलाकार अवॉर्ड जीते या न जीते, उनके लिए असली स्टार वही है जो दिल को छूने वाला परफॉर्मेंस दे। नेशनल अवार्ड हारने के बावजूद मनोज बाजपेयी ने बार-बार साबित किया है कि वह हर भूमिका में जान डाल देते हैं।

निष्कर्ष

मनोज बाजपेयी का बयान एक बड़ी सच्चाई की तरफ इशारा करता है। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें नेशनल अवार्ड से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब अवार्ड्स की गरिमा कम होती है तो यह कला और कलाकार दोनों के लिए नुकसानदायक है।

आज भी दर्शक उनके काम को सराहते हैं और यही उनकी असली जीत है। नेशनल अवार्ड हारने के बावजूद मनोज बाजपेयी का नाम उन अभिनेताओं में है, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया है।

FAQs:

Q1. मनोज बाजपेयी ने नेशनल अवार्ड हारने पर क्या कहा?

मनोज बाजपेयी ने कहा कि उन्हें नेशनल अवार्ड हारने से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जब अवार्ड्स की गरिमा पर सवाल उठते हैं तो यह चिंता का विषय है।

Q2. शाहरुख खान को कौन-सा नेशनल अवार्ड मिला?

शाहरुख खान को हाल ही में बेस्ट एक्टर का नेशनल अवार्ड मिला, जिसके चलते मनोज बाजपेयी के नेशनल अवार्ड हारने पर चर्चा तेज हो गई।

Q3. क्या नेशनल अवार्ड हारने से मनोज बाजपेयी निराश हुए?

उन्होंने कहा कि दर्शकों का प्यार उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है। बार-बार नेशनल अवार्ड हारने के बावजूद वह अपने काम पर फोकस करते हैं।

Q4. क्या बॉलीवुड में नेशनल अवार्ड्स पर राजनीति होती है?

मनोज बाजपेयी के अनुसार, अगर बार-बार कलाकारों को नेशनल अवार्ड हारने की स्थिति राजनीति या पक्षपात के कारण झेलनी पड़े, तो यह अवॉर्ड्स की विश्वसनीयता कम कर देता है।

Q5. दर्शक नेशनल अवार्ड हारने को कैसे देखते हैं?

फैंस का मानना है कि नेशनल अवार्ड हारने के बावजूद मनोज बाजपेयी असली विजेता हैं क्योंकि उनके अभिनय को दर्शक ज्यादा सराहते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *